चीन और पाकिस्तान को साइबर हमले का मिलेगा मुंह तोड़ जवाब, भारत कर रहा बड़ी तैयारी

संचार नेटवर्क की सुरक्षा और इस विशिष्ट डोमेन में तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए, भारतीय सेना में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स ( CCOSW ) को खड़ा किया जा रहा है. साइबरस्पेस ग्रे जोन युद्ध और पारंपरिक अभियानों दोनों में सैन्य डोमेन के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरा है.

By ArbindKumar Mishra | April 27, 2023 2:15 PM

चीन और पाकिस्तान को साइबर युद्ध में मुंह तोड़ जवाब देने के लिए भारत ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. दरअसल भारतीय सेना ने अपने ऑनलाइन नेटवर्क को आधुनिक बनाने के साथ-साथ उसकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के तहत ‘कमांड साइबर ऑपरेशन और सपोर्ट विंग्स’ को चालू करने का फैसला किया है. यह निर्णय सेना के कमांडर के पिछले सप्ताह हुए सम्मेलन में लिया गया था.

भारतीय सेना ने शुरू किया CCOSW

संचार नेटवर्क की सुरक्षा और इस विशिष्ट डोमेन में तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए, भारतीय सेना में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स ( CCOSW ) को खड़ा किया जा रहा है. साइबरस्पेस ग्रे जोन युद्ध और पारंपरिक अभियानों दोनों में सैन्य डोमेन के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरा है. प्रतिद्वंद्वियों ने साइबर डोमेन को पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है.

CCOSW से साइबर सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

ये संगठन भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कारगर साबित होगा. पिछले कुछ वर्षों में सेना ने वर्चुअल हनी ट्रैपिंग और हैकिंग के रूप में पाकिस्तान और चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

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पेंटागन को शक, चीन उपग्रहों पर हमला करने के तरीके खोज रहा

पेंटागन के दस्तावेजों के हालिया लीक में यह बात कही गई है कि चीन सैन्य संचार उपग्रहों को बाधित करने के उद्देश्य से परिष्कृत साइबर हमले विकसित कर रहा है. वित्तीय लेन-देन, नेविगेशन, मौसम की भविष्यवाणी और इंटरनेट सेवाओं से लेकर अधिक दूरस्थ स्थानों तक, हमारे जीवन का लगभग हर पहलू उपग्रह संचार से जुड़ा है.

सेना के कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने

सेना के कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्तमान और उभरते सुरक्षा परिदृश्यों का जायजा लिया और बल की अभियानगत तैयारियों और तत्परता की समीक्षा की.

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