मौत से भी नहीं डरते ये फौजी! जानिए भारत की सबसे खतरनाक रेजीमेंट के बारे में
Indian Army Most Dangerous Regiment: गोरखा रेजीमेंट भारतीय सेना की सबसे बहादुर और खतरनाक रेजीमेंट मानी जाती है. 1815 में बनी इस रेजीमेंट की 39 बटालियनें आज भी हर मोर्चे पर दुश्मनों के लिए काल हैं. इनकी वीरता की गूंज सीमाओं के पार तक सुनाई देती है.
Indian Army Most Dangerous Regiment: भारतीय सेना की शान और जान मानी जाने वाली गोरखा रेजीमेंट न केवल अपने अदम्य साहस के लिए मशहूर है, बल्कि यह दुश्मनों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुकी है. भारत-पाक तनाव के बीच जब-जब भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की है, तब-तब गोरखा सैनिकों की बहादुरी की गूंज सीमा पार तक सुनाई दी है.
वीरता की मिसाल हैं गोरखा सैनिक
गोरखा रेजीमेंट की बहादुरी की कहानियां भारतीय सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय हैं. चाहे कारगिल युद्ध हो या फिर भारत-पाक के बीच हुए अन्य सैन्य संघर्ष, गोरखा सैनिकों ने हर बार दुश्मन को नाकों चने चबवाए हैं. इनकी वीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने एक बार कहा था “अगर कोई कहे कि वह मौत से नहीं डरता, तो या वह झूठ बोल रहा है या वह गोरखा है.”
इतिहास और वर्तमान में क्या है ताकत
ब्रिटिश शासन के दौरान 1815 में बनी पहली गोरखा बटालियन को पहले नसीरी रेजीमेंट कहा जाता था. आज भारतीय सेना में 7 गोरखा रेजीमेंटें हैं जिनमें कुल 39 बटालियन शामिल हैं. हर बटालियन युद्ध के मैदान में दुश्मनों के लिए काल मानी जाती है.
गौरव की प्रतीक है गोरखा रेजीमेंट
गोरखा रेजीमेंट भारतीय थल सेना की सबसे प्रतिष्ठित और घातक रेजीमेंट मानी जाती है. ये सैनिक विषम से विषम परिस्थितियों में भी अपने साहस, रणनीति और युद्धकला के दम पर जीत हासिल करने में माहिर होते हैं. हालिया ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की ओर से हुए हमलों के जवाब में भी भारतीय सेना ने अपना पराक्रम दिखाया है. गोरखा रेजीमेंट के जवान ऐसे वक्त में सबसे आगे रहते हैं. वे न सिर्फ सीमा की रक्षा करते हैं बल्कि भारत की सैन्य ताकत और प्रतिष्ठा को मजबूती भी देते हैं.
