सीमा पर तनाव के बीच भारत की चीन को दो टूक- ‘बातचीत के पहले पीछे हटे PLA’

भारत-चीन के बीच जारी तनाव को देखते हुए सीमा पर सेना के जवान अलर्ट हैं. दूसरी तरफ भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मानसून सत्र के दौरान सदन को सीमा के मौजूदा हालात की जानकारी दी. राजनाथ सिंह ने साफ किया है कि भारतीय सेना सीमा पर चौकस है. चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है. देश की अखंडता और संप्रभुता पर चोट करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. दूसरी तरफ भारत ने भी चीन के भड़काने वाले बयान और हरकतों का जोरदार पलटवार किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2020 8:54 AM

भारत-चीन के बीच जारी तनाव को देखते हुए सीमा पर सेना के जवान अलर्ट हैं. दूसरी तरफ भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मानसून सत्र के दौरान सदन को सीमा के मौजूदा हालात की जानकारी दी. राजनाथ सिंह ने साफ किया है कि भारतीय सेना सीमा पर चौकस है. चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है. देश की अखंडता और संप्रभुता पर चोट करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. दूसरी तरफ भारत ने भी चीन के भड़काने वाले बयान और हरकतों पर जोरदार पलटवार किया है.

चीन को एलएसी से पीछे हटना होगा

भारत ने चीन को एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) से पीछे हटने के लिए कहा है. दरअसल, भारत हमेशा से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति का पक्षधर रहा है. दूसरी तरफ गलवान घाटी की हिंसा हो या फिर 29-30 अगस्त की घटना, चीन हमेशा से चालबाजी करता दिखा है. इसको लेकर भारत ने चीन को चेतावनी भरे लहजे में पीछे हटने के लिए कह दिया है. भारत ने चीन को कहा है कि एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर शांति बनाए रखने के लिए उसका (चीन का) पीछे हटना बेहद जरूरी है.

अगले हफ्ते दोनों देशों के बीच बैठक

भारत ने चीन को कहा है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील समेत तमाम एलएसी से चीनी सेना को पीछे हटना होगा. विदेश मंत्रालय के मुताबिक अगले हफ्ते दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मीटिंग होनी है. इसमें भारत चीन से पीछे हटने के लिए एक टाइम लाइन बनाने की शर्त दे सकता है. सीमा पर तनाव है. इस हालत में सैन्य टकराव से बचने के लिए कूटनीतिक स्तर पर हुई सहमति का सम्मान करना जरूरी है.वहीं भारत ने चीनी कंपनी के भारत के अहम लोगों की जानकारी जुटाने का मामला भी उठाया है.

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