India China Face Off: अब चीन की हरकतों पर नजर रखेगा “भारत ड्रोन”, DRDO ने किया है तैयार, जानें खूबियां…

नयी दिल्ली : भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद (India China Border Dispute) के बीच भारतीय सेना (Indian Army) अब स्वदेशी ड्रोन से चीन पर नजर रखेगी. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पर्वतीय इलाकों में सटीक निगरानी करने के लिए 'भारत' नाम का स्वदेशी ड्रोन विकसित किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2020 4:41 PM

नयी दिल्ली : भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद (India China Border Dispute) के बीच भारतीय सेना (Indian Army) अब स्वदेशी ड्रोन से चीन पर नजर रखेगी. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पर्वतीय इलाकों में सटीक निगरानी करने के लिए ‘भारत’ नाम का स्वदेशी ड्रोन विकसित किया है.

रक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चल रहे विवाद में सटीक निगरानी के लिए ड्रोन की आवश्यकता है. इस आवश्यकता के लिए, डीआरडीओ ने सेना को भारत ड्रोन दिया है. ‘भारत’ ड्रोन को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला में तैयार किया गया है.

भारत श्रृंखला के इस ड्रोन को निगरानी के लिए विश्व के सबसे चुस्त और हल्के ड्रोन के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है. जिसे अपने ही देश में DRDO द्वारा विकसित किया गया है. डीआरडीओ के सूत्रों ने कहा कि अभी तक का सबसे छोटा और हल्का यह ड्रोन बड़ी सटीकता के साथ किसी भी स्थान पर स्वायत्तता से काम कर सकता है.

Also Read: चीन से टकराव के बीच समुद्री सीमा पर भारत ने अमेरिकी नौसेना के साथ सैन्य अभ्यास किया

एडवांस रिलीज टेक्नोलॉजी के साथ यूनीबॉडी बायोमिमेटिक डिजाइन वाला यह ड्रोन एक तगड़ा कॉम्बिनेशन है. जो दोस्त और दुश्मनों को पहचानने की क्षमता भी रखता है. इस ड्रोन को अत्यधिक ठंडे मौसम में भी क्रियाशील रहने के लायक बनाया गया है. इसे और भी प्रतिकूल मौसमों के लिए भी विकसित किया जा रहा है.

यह ड्रोन पूरे निगरानी मिशन के दौरान रात में भी देख पाने में सक्षम है. इसके अलावा घने जंगलों में छिपे दुश्मनों का भी पता लगा सकता है. वहीं, यह वास्तविक वीडियो भेजकर दुश्मनों की गतिविधि की जानकारी दे सकता है. इस ड्रोन को इस प्रकार विकसित किया गया है कि इसे किसी भी राडार पर नहीं देखा जा सकता.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

Next Article

Exit mobile version