India China Tension: कारगिल में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाली बोफोर्स तोपों को तैयार कर रही सेना, लद्दाख में होंगे तैनात

India China Border Tension: चीन की चालबाजी को देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army) किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों में जुटी है. सेना ने अब बोफोर्स होवित्जर तोपों (Bofors guns) को तैयार करना शुरू कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2020 5:55 PM

India China Border Tension: चीन और भारत के बीच एलएसी पर तनाव अपने चरम पर हैं. दोनों ही देशों की सेना आमने-सामने हैं. LAC पर भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के फाइटर्स गगन गर्जना कर रहे हैं और सेना के जवान टैंक और तोप लेकर खड़े हैं. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन की चालबाजी को देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army) किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों में जुटी है. सेना ने अब बोफोर्स होवित्जर तोपों (Bofors guns) को तैयार करना शुरू कर दिया है.

जल्द दहाड़ेगी बोफर्स गन

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार लद्दाख में बोफोर्स तोपों के लिए मेंटेनेंस केंद्र में सेना के इंजीनियर इन तोपों की सर्विसिंग कर रहे हैं. इनकी सर्विसिंग का काम पूरा होने के बाद इन्हें लद्दाख में तैनात किया जाएगा. बता दें कि एलएसी पर करीब 40 हजार भारतीय जवान तैनात हैं. बता दें होवित्जर तोप को सीमा पर भेजने का फैसला काफी अहम माना जा रहा है. लद्धाख सीमा पर वायुसेना भी मुस्तैद है और अब होवित्जर तोप भी सरहद पर भेजने की तैयारी की जा रही है. चीन और भारत के बीच एलएसी पर तनाव से जुड़ी हर Hindi News अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

एएनआई के अनुसार, लद्दाख में सेना के इंजीनियरों को एक ऐसी बोफोर्स तोप की सर्विस करते देखा गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह कुछ दिनों में दहाड़ने के लिए तैयार हो जाएगा. वहीं अधिकारियों के अनुसार, बंदूक को समय-समय पर सर्विसिंग और रखरखाव के प्रक्रिया से गुरजना पड़ता है जिसके लिए इसे काम करने के लिए तकनीशियनों को तैनात किया गया है. बता दें कि बोफोर्स जम्मू और कश्मीर के द्रास में ऑपरेशन विजय के कई युद्ध जीतने में सहायक थे.

Also Read: India China Border Tension: चीन पर सरकार के अलग-अलग बयान पर राहुल गांधी का तंज, पूछा इसके पीछे की क्रोनोलॉजी
कारगिल में बोफर्स ने छुड़ाये छक्के

साल 1999 में कारगिल युद्ध के समय जब सेना मुश्किल हालातों का सामना करने को मजबूर थी, उस समय बोफोर्स तोपों ने अपने दम पर पूरे युद्ध का रुख ही बदल दिया था. कारगिल वॉर के दौरान ऐसे में सेना ने पहाड़ों के पीछे बनाई गई पाक पोस्टों और बंकरों को इसी तोप से ध्वस्त किया. ऊंचाई पर बैठे दुश्मनों को मार गिराने में इस तोप की फायर पावर ने बहुत मदद की थी. बता दें कि ये तोप 42 किमी तक मार करती है और इसका बैरल 70 डिग्री तक घूम सकता है. कारगिल में बोफोर्स ने अपनी दूर तक वार करने की क्षमता के कारण पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिये थे.

Posted by : Rajat Kumar

Next Article

Exit mobile version