नये साल में भारत में हुआ 60 हजार बच्चों का जन्म, पूरी दुनिया में जन्में 3 लाख 71 हजार से ज्यादा बच्चे

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र (Unites Nation) की बाल संस्था यूनिसेफ (UNICEF) के अनुसार नये साल पर 1 जनवरी 2021 को दुनियाभर में 3,71,500 से अधिक बच्चों का जन्म हुआ. इनमें सबसे अधिक करीब 60,000 शिशुओं का जन्म भारत में हुआ है. यूनिसेफ ने कहा कि दुनियाभर में नये साल के पहले दिन 3,71,504 शिशुओं का जन्म हुआ. 2021 के पहले बच्चे का जन्म फिजी में और आखिरी बच्चे का जन्म अमेरिका में हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2021 10:24 AM

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र (Unites Nation) की बाल संस्था यूनिसेफ (UNICEF) के अनुसार नये साल पर 1 जनवरी 2021 को दुनियाभर में 3,71,500 से अधिक बच्चों का जन्म हुआ. इनमें सबसे अधिक करीब 60,000 शिशुओं का जन्म भारत में हुआ है. यूनिसेफ ने कहा कि दुनियाभर में नये साल के पहले दिन 3,71,504 शिशुओं का जन्म हुआ. 2021 के पहले बच्चे का जन्म फिजी में और आखिरी बच्चे का जन्म अमेरिका में हुआ.

संस्था ने कहा कि विश्वभर में जन्मे बच्चों की करीब आधी संख्या 10 देशों – भारत (59,995), चीन (35,615), नाइजीरिया (21,439), पाकिस्तान (14,161), इंडोनेशिया (12,336), इथियोपिया (12,006), अमेरिका (10,312), मिस्र (9,455), बांग्लादेश (9,236) और कांगो गणराज्य (8,640) से है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि 2021 में 1.40 करोड़ बच्चों के जन्म का अनुमान है और उनकी औसत उम्र 84 साल होने की संभावना है.

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने सभी देशों से 2021 को बच्चों के लिहाज से भेदभाव रहित, सुरक्षित और स्वस्थ वर्ष बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आज के दिन जन्मे बच्चे यहां तक कि एक साल पहले जन्मे शिशुओं से भी अलग दुनिया में आये हैं. नया साल उनके लिए नए अवसर लेकर आए. वर्ष 2021 में यूनिसेफ की स्थापना के 75 साल पूरे हो रहे हैं.

Also Read: Alert Level 5 : ब्रिटेन में फिर लॉकडाउन, PM बोरिस जॉनसन ने की घोषणा, मध्य फरवरी तक बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज और दुकानें

इस अवसर पर यूनिसेफ और इसकी सहयोगी संस्थाएं संघर्ष, बीमारी और जीवन जीने के अधिकार की रक्षा के साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के लिए किये गये कामों का जश्न मनायेंगी और इस अवसर पर कई कार्यक्रम का आयोजन तथा घोषणाएं करेंगी. फोर ने कहा कि आज दुनिया वैश्विक महामारी, अर्थव्यवस्था में गिरावट, बढ़ती गरीबी और बढ़ती असमानता के दौर से गुजर रही है, ऐसे में यूनिसेफ के काम की हमेशा की तरह बहुत जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल से यूनिसेफ संघर्ष, विस्थापन, प्राकृतिक आपदाओं और संकट के दौर में दुनिया के बच्चों के लिए मौजूद रहा. नववर्ष के आगाज के साथ बच्चों के अधिकारों के प्रति हम अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधिकारों के लिए आवाज उठायी जाए, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में रहें. कोविड-19 को देखते हुए यूनिसेफ ने बच्चों के लिए ‘रीइमैजिन अभियान’ समेत कई कार्यक्रम शुरू किये.

Posted By: Amlesh Nandan.

Next Article

Exit mobile version