कोविड और गैर कोविड अस्पताल में सेवा दे रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया नया गाइडलाइन

health ministry new guidelines : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड अस्पताल (Covid-19 Hospital) और दूसरे अस्पतालों में सेवा दे रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नया गाइडलाइन जारी किया है. गाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों को अपने अस्पताल में अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति का ( HICC ) गठन करने के लिए कहा है. इसके साथ ही कहा गया है कि समय-समय पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षा और नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण दिया जाये. इन सभी चीजों की देखभाल करने के लिए अस्पतालों को एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने के लिए कहा गया है.

By Panchayatnama | May 16, 2020 1:51 PM

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड अस्पताल और दूसरे अस्पतालों में सेवा दे रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नया गाइडलाइन जारी किया है. गाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों को अपने अस्पताल में अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति का गठन करने के लिए कहा है. इसके साथ ही कहा गया है कि समय-समय पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षा और नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण दिया जाये. इन सभी चीजों की देखभाल करने के लिए अस्पतालों को एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने के लिए कहा गया है. नोडल ऑफिसर संक्रमण से संबंधित स्वास्थ्य मामलों की देखभाल करेगें. अस्पताल में किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को किसी प्रकार का संक्रमण नहीं हो इसे सुनिश्चित करना नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी. वो यह सुनिश्चित करेंगे की अस्पताल के सभी विभागों में कार्य करने वाले कर्मचारी पीपीई कीट का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही वो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं.

Also Read: यूपी में 24 मजदूरों की सड़क हादसे में मौत, मृतकों में सबसे ज्यादा झारखंड के, बिहार और बंगाल के मजदूरो की भी गयी जान

राज्यों के जारी किये गये दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी अस्पताल सबसे पहले यह सुनिश्चित करें की अस्पताल में काम करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही उन्हें कोरोना वायरस से संबंधित दिखाई देने वाले और नहीं दिखाई देने वाले लक्षणों की पूरी जानकारी है. ताकि वो पहले खुद के स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से समझ सके और अगर कुछ लक्षण महसूस करें या दिखाई दे तो तुरंत सूचित कर सकें. सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नियमित तौर पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यव्स्था होनी जरूरी है. जो भी स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 अस्पताल में अपनी सेवा दे रहें हैं उन्हें डॉक्टरी देख-रेख के तहत केमो प्रोफिलेक्सिस दिया जाना है. यह भी नियम बनाये गये है कि अगर कोई कर्मी किसी कारण से पीपीई कीट में खराबी संबंधी कोई शिकायत करता है को तुंरत इसकी जानकारी देनी होगी और आगे के कार्रवाई करनी होगी.

Also Read: राहुल गांधी बोले- ‘पीएम मोदी साहूकार न बनें, श्रमिकों, प्रवासियों को सीधे पैसे ट्रांसफर करें’

इसके साथ ही बीमारी से बचाव के लिए जो भी नियम बनाये गये है उसका पालन करना होगा. जिसमें समय-समय पर अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर से हाथ धोना, सांस की जांच करना शामिल है. इसके साथ ही कार्य की अविध के दौरान पीपीई कीट पहनना अनिवार्य है. पीपीई कीट में किसी भी प्रकार की खराबी पाये जाने पर तुंरंत नोडल ऑफिसर अथवा विभाग के अध्यक्ष को सूचित करना अनिवार्य है. स्वास्थ्य कर्मी जब अपना काम खत्म करके वार्ड से बाहर निकलेंगे तब उन्हें सोशल डिस्टेंसिग का खास ख्याल रखना है. ताकि वो दूसरों को और खुद को संक्रमित होने से बचा सके. जो भी महिला स्वास्थ्य कर्मी गर्भवती है या फिर बच्चे को अपना दूध पिलाती है वो अस्पताल प्रबंधन को इस बात की सूचना देंगे ताकि उनकी नियुक्ति गैर कोविड अस्पताल में की जा सके. अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों का ध्यान रखने के लिए दो या दो से अधिक की टीम बनानी होगी जो पूरे अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा संबंधित बातों की देख-रेख करेंगे.

Next Article

Exit mobile version