सुरक्षा खतरों से निपटने को तैयार रहें, भारतीय सेना को भविष्य का बल बनाया जाये: नायडू

पिछले 52 साल में वेलिंगटन (Wellington) स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (Defence Services Staff College) का दौरा करने वाले पहले उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा कि संघर्ष के नये और उभरते क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों को भारतीय सेना को ‘भविष्य का बल’ बनाना चाहिए.

By Agency | May 17, 2022 6:01 PM

उधगमंडलम (तमिलनाडु): उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि भारत अत्यंत जटिल और अप्रत्याशित भू-राजनीतिक माहौल में कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने सशस्त्र बलों से किसी भी चुनौती से निपटने और किसी भी सुरक्षा संबंधी खतरे को दृढ़ता से रोकने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा.

रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज का दौरा करने वाले पहले उपराष्ट्रपति बने नायडू

पिछले 52 साल में वेलिंगटन (Wellington) स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (Defence Services Staff College) का दौरा करने वाले पहले उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा कि संघर्ष के नये और उभरते क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों को भारतीय सेना को ‘भविष्य का बल’ बनाना चाहिए. नायडू से पहले 1970 में तत्कालीन उप राष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक ने कॉलेज का दौरा किया था.

भारत का नजरिया कभी विस्तारवादी नहीं रहा

उपराष्ट्रपति ने कॉलेज के अधिकारियों और स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत का नजरिया कभी विस्तारवादी नहीं रहा और उसका रुख हमेशा शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का रहा है. उन्होंने कहा, ‘देश को भरोसा है कि शत्रुवत ताकतों द्वारा भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की किसी भी कोशिश से हमारे सुरक्षा बल मजबूती से निपटेंगे.’

Also Read: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का दो दिवसीय काशी दौरा पूरा, दूसरे दिन का ऐसा रहा कार्यक्रम
जंग केवल मैदान में नहीं लड़ी जाती

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज जंग केवल मैदान में नहीं लड़ी जाती, बल्कि कई मोर्चों पर लड़ी जाती है. उन्होंने कहा कि युद्ध की मिश्रित प्रकृति परंपरागत तरीके से विजेता और पराजित का फैसला करने में मुश्किल पैदा करती हैं. नायडू ने कहा कि साइबर युद्ध, ड्रोनों तथा रोबोटिक्स के बढ़ते प्रयोग एवं अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों ने युद्ध क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव लाया है.


सेना को ‘भविष्य का बल’ बनाने की हमारी सोच होनी चाहिए

उन्होंने कहा, ‘इसलिए, हमारे सशस्त्र बलों को संघर्ष के इन नये और उभरते क्षेत्रों में विकास क्षमताओं पर ध्यान देना चाहिए. भारतीय सेना को ‘भविष्य का बल’ बनाने की हमारी सोच होनी चाहिए.’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में महिला योद्धाओं की गौरवशाली परंपरा रही है. सभी सैनिक स्कूलों और एनडीए में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया गया. वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम और युद्धपोतों पर तैनात महिला अधिकारियों को देखकर खुशी होती है.

Also Read: सदन में चर्चा का स्तर गिर रहा है, नेताओं की छवि को लेकर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जाहिर की चिंता

Next Article

Exit mobile version