Corona In India: ओमिक्रॉन के XBB.1.5 सब-वैरिएंट का पहला मामला आया सामने, गुजरात में मिला संक्रमित

Corona In India: आवते ने कहा, "हमारे पास महाराष्ट्र में एक्सबीबी के 275 से अधिक मामले हैं. लेकिन एक्सबीबी.1.5 एक अन्य शाखा है और इसकी ट्रांसमिसिबिलिटी के बारे में बहुत कम जानकारी है. लेकिन एक्सबीबी वंशज होने के नाते, यह इंगित करता है कि इसके मूल संस्करण में केवल मामूली बदलाव है.

By Aditya kumar | January 1, 2023 6:46 AM

Corona In India: भारत में कोरोना के Omicron के XBB.1.5 सब-वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है. Insacog के डाटा के आधार पर यह मामला गुजरात में पाया गया है. XBB.1.5 एक सब-वैरिएंट है जिसे अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने न्यूयॉर्क में कोविड मामलों और अस्पताल में भर्ती होने के लिए ज़िम्मेदार होने के लिए फ़्लैग किया है. XBB स्वयं Omicron के दो भिन्न BA.2 उप-संस्करणों का पुनः संयोजक है. लेकिन इसके वंशज, XBB.1.5, को ACE2 रिसेप्टर के लिए एक सख्त बंधन माना जाता है, जो अमेरिकी वैज्ञानिक एरिक टोपोल के अनुसार इसकी उच्च स्तर की संप्रेषणीयता की व्याख्या करेगा.

जानिए क्या कहा विशेषज्ञों ने?

पहले XBB.1.5 मामले का घर के करीब पता लगाने के साथ महाराष्ट्र राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण अब गुजरात से निकटता के कारण उप-वैरिएंट को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. महाराष्ट्र के सर्विलांस ऑफिसर डॉ. प्रदीप आवटे ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान बताया, “हम वायरस के जेनेटिक फुटप्रिंट्स पर नजर रख रहे हैं. राज्य 100% जीनोमिक सीक्वेंसिंग कर रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय आगमन भी थर्मल स्क्रीनिंग और 2% रैंडम सैंपलिंग के दौर से गुजर रहा है. इसके बाद पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है.’

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महाराष्ट्र में एक्सबीबी के 275 से अधिक मामले!

आवते ने कहा, “हमारे पास महाराष्ट्र में एक्सबीबी के 275 से अधिक मामले हैं. लेकिन एक्सबीबी.1.5 एक अन्य शाखा है और इसकी ट्रांसमिसिबिलिटी के बारे में बहुत कम जानकारी है. लेकिन एक्सबीबी वंशज होने के नाते, यह इंगित करता है कि इसके मूल संस्करण में केवल मामूली बदलाव है. फिर भी हम राज्य में इसके प्रवेश/प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं.” डॉ आवते ने कहा कि जिस तरह से एक सब-वैरिएंट अमेरिका में व्यवहार कर सकता है, वह प्रतिरक्षा और जातीयता जैसे कारकों के कारण भारत में इसके प्रभाव से भिन्न हो सकता है.

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