मॉनसून सत्र : संसद को घेरेंगे किसान, विपक्षी दलों को हर दिन वार्निंग लेटर भेजेगा संयुक्त किसान मोर्चा

Samyukta Kisan Morcha केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को एलान करते हुए कहा है कि वो संसद के पूरे मॉनसून सत्र के दौरान हर दिन विपक्षी पार्टियों को एक वार्निंग लेटर भेजेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि अलग-अलग किसान संगठनों के पांच सदस्य संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसानों के मांग के समर्थन में संसद के बाहर करीब 200 किसान प्रदर्शन करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 8:31 PM

Samyukta Kisan Morcha केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को एलान करते हुए कहा है कि वो संसद के पूरे मॉनसून सत्र के दौरान हर दिन विपक्षी पार्टियों को एक वार्निंग लेटर भेजेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि अलग-अलग किसान संगठनों के पांच सदस्य संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसानों के मांग के समर्थन में संसद के बाहर करीब 200 किसान प्रदर्शन करेंगे.

दरअसल, कृषि कानूनों को हटाने की मांग पर अड़े किसानों ने सरकार के खिलाफ संसद के बाहर मोर्चाबंदी करने की योजना बनाई है. इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा ने ये एलान किया है. वार्निंग लेटर के जरिए संसद के अंदर बैठे विपक्षी पार्टियों के सदस्यों से कहा जाएगा कि वो संसद में किसानों की आवाज को उठाएं. बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में तीन दर्जन से ज्यादा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस पत्र के जरिए संयुक्त किसान मोर्चा विपक्षी सांसदों से कहेगा कि वो संसद का बर्हिगमन कर केंद्र सरकार को लाभ ना पहुंचाएं, बल्कि संसद के अंदर बैठ कर किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरें. उल्लेखनीय है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने तीन नये कृषि कानून संसद से पारित किया था. हालांकि, इसके खिलाफ किसानों के आंदोलन के चलते इसका क्रियान्वयन स्थगित किया गया है. प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक इस मुद्दे का हल नहीं निकल सका है.

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