Election Commission: वोटर आई कार्ड को आधार से लिंक करने की हो सकती है शुरुआत

मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी की केंद्रीय गृह सचिव, कानून मंत्रालय के सचिव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, यूआईडीएआई के सीईओ और चुनाव आयोग के टेक्निकल एक्सपर्ट की अहम बैठक हुई. बैठक में तय किया गया है संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत ही वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़ा जाएगा.

By Vinay Tiwari | March 18, 2025 6:59 PM

Election Commission: फर्जी मतदान और कई वोटर आई कार्ड की समस्या को दूर करने के लिए वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का काम शुरू होने वाला है. मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी की केंद्रीय गृह सचिव, कानून मंत्रालय के सचिव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, यूआईडीएआई के सीईओ और चुनाव आयोग के टेक्निकल एक्सपर्ट की अहम बैठक हुई. बैठक में तय किया गया है संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत ही वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़ा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 23(4), धारा 23(5) और धारा 23(6) के प्रावधानों के तहत यह प्रक्रिया शुरू होगी.

संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत भारतीय नागरिक को ही मतदान का अधिकार है, जबकि आधार सिर्फ व्यक्ति की पहचान के लिए है. वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़ने के लिए जल्द ही यूआईडीएआई और चुनाव आयोग के टेक्निकल एक्सपर्ट के बीच बातचीत शुरू होगी.

 
फर्जी वोटर आई कार्ड की समस्या से निपटने की कोशिश 

हाल में तृणमूल कांग्रेस ने डुप्लिकेट वोटर आईडी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. कई राजनीतिक दल इस मामले को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. आयोग का मानना है कि वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़कर इस समस्या को दूर किया जा सकता है. वर्ष 2021 में जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन कर आधार को वोटर आई कार्ड से लिंक करने का रास्ता साफ हुआ. इस कानून को वर्ष 2022 में अधिसूचित किया गया. उस समय चुनाव आयोग ने कहा कि वोटर आई कार्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया स्वैच्छिक है. लेकिन अब अगर इसे लागू किया गया तो इसे अनिवार्य करना होगा. चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट में भी कहा था कि यह प्रक्रिया स्वैच्छिक है और इसे वोटर कार्ड के आवेदन फार्म में इसकी जानकारी दी जायेगी.

लेकिन अभी तक चुनाव आयोग के फार्म पर ऐसी कोई जानकारी नहीं है. कई संगठन वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़ने के खिलाफ है. इनका मानना है कि इससे कई गरीब के नाम मतदाता सूची से कट जायेंगे. राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड और अन्य योजना में देखा गया कि कई गरीबों को इसका नुकसान हुआ है. यह निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा. देखने वाली बात है कि चुनाव आयोग इस बारे में कैसे सहमति बनाने का काम करता है.