DK Shivakumar vs Siddaramaiah: कर्नाटक में ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स से कांग्रेस की कलह फुर्र, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने किया ये काम
Siddaramaiah vs DK Shivakumar: कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान अब खत्म हो चुका है. हालांकि राजनीतिक विश्लेषक का मानना है ये समझौता तूफान से पहले की शांति है.
DK Shivakumar vs Siddaramaiah: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी विवाद समाप्त होने की खबर के बीच डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने ट्वीट किया और बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को ब्रेकफास्ट पर आमंत्रित किया है. डिप्टी सीएम ने एक्स पर लिखा, मैं और CM एक टीम की तरह मिलकर काम करते रहेंगे. मैंने CM को मंगलवार को नाश्ते पर बुलाया है ताकि कर्नाटक से किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए हमारी मिलकर की जाने वाली कोशिशों पर बात की जा सके और उन्हें मजबूत किया जा सके.
शनिवार को सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार को नाश्ते पर किया था आमंत्रित
एक महीने से चल रहे सत्ता संघर्ष के बाद दोनों नेताओं ने शनिवार को सिद्धरमैया के आवास पर नाश्ते पर मुलाकात की और मतभेदों के दूर होने की घोषणा की.
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच समझौता तूफान से पहले की शांति: विपक्ष, राजनीतिक विश्लेषक
कर्नाटक के विपक्षी दलों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य सरकार के नेतृत्व को लेकर कई दिनों तक चली खींचतान के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच समझौता अस्थायी है, यह तूफान से पहले की शांति और एक रणनीतिक समायोजन है.
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया
विवाद थमने के बाद डिप्टी सीएम और सीएम सिद्धारमैया ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. एकता का प्रदर्शन किया और घोषणा की कि वे पार्टी आलाकमान का कहना मानेंगे. कथित तौर पर 2023 में सरकार बनाते समय सहमति बनी थी कि ढाई साल के कार्यकाल के बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री पद पर आसीन होंगे और ढाई साल नवंबर 2025 में पूरे हुए.
बीजेपी ने दावा, शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच हुआ अस्थायी समझौता
राज्य की मुख्य विपक्षी बीजेपी के नेता प्रकाश शेषराघवचार के मुताबिक जिस बैठक के परिणामस्वरूप संघर्ष विराम हुआ, वह हर असहमति को सुलझाने के बारे में कम और कामकाजी सद्भाव को बहाल करने के बारे में अधिक थी. उन्होंने दावा किया, यह केवल एक अस्थायी समझौता है. एक बार जब कोई राजनीति में अति महत्वाकांक्षी हो जाता है, तो आप उसे कुछ समय के लिए शांत करा सकते हैं, लेकिन यह फिर से उभरेगा. भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस अब दो गुटों में बंट चुकी है और इसकी लड़ाई राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जैसी हो गई है, जहां गुटबाजी ने चुनाव में इसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है.
