Delhi Oxygen Audit : पैनल की रिपोर्ट से दो सदस्य असहमत, अबतक नहीं मिले कई सवालों के जवाब

इस कमेटी में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, दिल्ली के प्रमुख् गृह सचिव भूपिंदर भल्ला, मैक्स हैल्थेकयर के निदेशक डा. संदीप बुद्धिराजा, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध यादव तथा पेट्रोलियम व एक्प्लोसिव सेफ्टी संगठन के संजय कुमार सिंह शामिल हैं

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2021 1:15 PM

दिल्ली सरकार ने किस वजह से जरूरत से चार गुणा ज्यादा ऑक्सीजन मांगा था यह स्पष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की सबकमेटी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है. सुप्रीम कोर्ट की सबकमेटी ने पहले ही कहा है कि यह गलत फार्मूले के तहत दिल्ली ने ऑक्सीजन की मांग की थी हालांकि कमेटी ने भी यह सवाल किया है कि किस आधार पर ऑक्सीजन की मांग हुई इसे लेकर अबतक स्पष्टता नहीं है. इस पूरे मामले की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस मामले में 30 अप्रैल को होगी.

इस कमेटी में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, दिल्ली के प्रमुख् गृह सचिव भूपिंदर भल्ला, मैक्स हैल्थेकयर के निदेशक डा. संदीप बुद्धिराजा, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध यादव तथा पेट्रोलियम व एक्प्लोसिव सेफ्टी संगठन के संजय कुमार सिंह शामिल हैं

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सबकमेटी ने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट में सवाल खड़ा कर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है हालांकि इस कमेटी के अंदर भी कई तरह के सवाल जवाब हुए. कुछ सदस्यों ने इससे सहमति जतायी तो कुछ असहमत भी रहे. कमेटी ने इस पर भी चर्चा की संभव है कि कुछ अस्पताल मीट्रिक टन, एमटी और किलो टन, केटी में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं.

कमेटी ने दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी ना होने का भी जिक्र किया हा ऑक्सीजन से भरे टेंकर अस्पतालों के बाहर खड़े रहे और टैंक खाली नहीं हुए क्योंकि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी .

इस कमेटी की अंतिम बैठक में भल्ला और बुध्दिराजा ने भाग नहीं लिया. दिल्ली के प्रमुख गृह सचिव ने रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने इस जांच कमेटी के रिपोर्ट तैयार करने और जांच करने के पैटर्न पर आपत्ति जतायी है. कमेटी आक्सीजन फार्मूले की समीक्षा कर रही है जबकि उन्हें ऑक्सीजन में अवरोध और उससे जुड़ी परेशानियों की जांच करनी थी. सब कमेटी दिल्ली को कम ऑक्सीजन देने की पहले से तय मंशा पर काम कर रही है.

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दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी लेकर कोर्ट ने भी लगातार सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी . सुप्रीम कोर्ट ने ही 6 मई को केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि दूसरी लहर के कोविड मरीजों के लोड से निपटने के लिए दिल्ली को रोज 700 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई की जाए.

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