दिल्ली में आज से प्रदूषण के खिलाफ एंटी ओपन बर्निंग कैंपेन शुरू करेगी सरकार, 1 महीने तक चलेगा अभियान

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि हम लोगों से भी अपील करते हैं कि अगर उन्हें खुले में जलने की कोई घटना दिखाई देती है तो वे 'ग्रीन दिल्ली' ऐप पर शिकायत करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2021 9:14 AM

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्मॉग के कहर को थामने के लिए केजरीवाल सरकार आज गुरुवार यानी 11 नवंबर 2021 से एंटी ओपन बर्निंग कैंपेन की शुरुआत करेगी. दिल्ली सरकार का यह कंपेन आगामी एक महीने तक यानी 1 दिसंबर 2021 तक चलेगा. सरकार के इस कंपेन के दौरान खुली जगहों पर किसी भी प्रकार का कचरा जलाने की पूरी मनाही होगी. इसके लिए सरकार की ओर से तकरीबन 10 विभागों की 550 टीमों को तैनात किया गया है.

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि हम लोगों से भी अपील करते हैं कि अगर उन्हें खुले में जलने की कोई घटना दिखाई देती है तो वे ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप पर शिकायत करें. उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के 4 मुख्य स्रोत हैं, जिनके लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने कैंपेन की शुरुआत की है.

इसमें धूल प्रदूषण के लिए धूल विरोधी अभियान, वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी बंद’ अभियान, पराली प्रदूषण के लिए पूसा बायो डी-कंपोजर और अब 1 महीने तक चलने वाला ‘ओपन बर्निंग कैंपेन’ अभियान शामिल है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है, तो हम यह तय करेंगे कि वहां पराली जलाना रोकने के लिए मुफ्त में जैव अपघटक (बायो-डीकम्पोजर) का छिड़काव किया जाए. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के लिए किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वहां की सरकारें ही कोई विकल्प उपलब्ध कराने में विफल रही हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली में हर साल लोगों को स्मॉग का कहर झेलना पड़ता है, जिससे आम आदमी को सांस लेना भी दुभर हो जाता है. आम तौर पर यह प्रदूषण सांस संबंधी बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित होता है.

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फिलहाल, दिवाली के बाद से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए वहां की सरकार पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में जलने वाली धान की पराली को जिम्मेदार बताती है. हालांकि, खेतों में किसानों द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से सख्त कदम भी उठाए गए हैं.

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