Coronavirus vaccine: दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने के बाद रूस को पड़ी भारत की मदद की जरूरत, लगाई ये गुहार

Coronavirus vaccine: दुनिया में कोरोना की पहली वैक्सीन 'स्पुतनिक वी' को बनाने का दावा करने वाले रूस को भारत की मदद की जरूरत पड़ी है. रूस ने कहा है कि वह भारत के साथ साझेदारी में इस कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करना चाहता है. इसके पीछे तर्क ये हैं कि भारत-रूस साझेदारी कर दुनियाभर में वैक्सीन की डिमांड को पूरा कर सकेंगे. रूस के डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के सीईओ किरिल मित्रीव ने गुरुवार को कहा कि कई देशों से वैक्सीन की मांग आ रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2020 9:43 AM

Coronavirus vaccine: दुनिया में कोरोना की पहली वैक्सीन ‘स्पुतनिक वी’ को बनाने का दावा करने वाले रूस को भारत की मदद की जरूरत पड़ी है. रूस ने कहा है कि वह भारत के साथ साझेदारी में इस कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करना चाहता है. इसके पीछे तर्क ये हैं कि भारत-रूस साझेदारी कर दुनियाभर में वैक्सीन की डिमांड को पूरा कर सकेंगे. रूस के डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के सीईओ किरिल मित्रीव ने गुरुवार को कहा कि कई देशों से वैक्सीन की मांग आ रही है.

इस मांग को पूरा करने के लिए हमें बड़ी मात्रा में वैक्सीन के उत्पादन की जरूरत है. दवा उत्पादन के मामले में भारत सबसे आगे है. हमें पूरा भरोसा है कि भारत बड़ी मात्रा में इस दवा को तैयार कर सकता है. हम इसके लिए साझेदारी करने पर विचार कर रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया था कि उनके देश ने कोरोना वैक्सीन बना लिया है जो काफी प्रभावी है. स्पूतनिक-5 का विकास गामालेया महामारी रोग और सूक्ष्मजीव विज्ञान शोध संस्थान और आरडीआईएफ मिलकर कर रहे हैं. इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण या बड़े पैमाने पर क्लिनिकल ट्रायल नहीं होने के कारण दुनिया के कई देश रूस के इस दावे से सहमत नहीं हैं.

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल ने प्रेस कॉन्फ्रेस में आगे कहा कि वैक्सीन उत्पादन के लिए हमने रिसर्च किया और यह पाया कि भारत, ब्राजील, साउथ कोरिया और क्यूबा जैसे देशों में उत्पादन की अच्छी क्षमता है. इसलिए हम यह चाहते हैं कि इनमें से कोई देश में स्पुतनिक वैक्सीन तैयार करने में अंतरराष्ट्रीय हब बन सके. उन्होंने बताया कि अभी तक 10 लाख से अधिक डोज की डिमांड आ चुकी है. भारत 5 करोड़ डोज प्रति वर्ष तैयार करने की क्षमता रखता है. इसलिए यह साझेदारी काफी कारगर साबित हो सकती है. इसके लिए भारत के दवा उत्पादक कंपनियों से भी संपर्क किया जा्एगा.

भारत में रूसी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल

फाइनेंसियल एक्सप्रेस के मुताबिक, आरडीआईएफ के सीईओ ने कहा कि हम न केवल रूस में बल्कि यूएई, सऊदी अरब, ब्राजील और भारत में भी क्लीनिकल ट्रायल करने जा रहे हैं. हम पांच से अधिक देशों में वैक्सीन का उत्पादन करने की योजना बना रहे हैं.

हमारे पास एशिया, लैटिन अमेरिका, इटली और दुनिया के अन्य हिस्सों से बहुत अधिक मांग है. बता दें कि रूस पर वैक्सीन से जुड़े सभी जरूरी ट्रायल पूरे न करने के आरोप लगे हैं. मात्र 42 दिन में इसके सभी ट्रायल पूरे किए गए हैं.डब्ल्यूएचओ ने भी कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है.

Posted By: Utpal kant

Next Article

Exit mobile version