लॉकडाउन में कोरोना केस स्थिर नहीं हुए, पर जीडीपी फ्लैट हो गया, राहुल गांधी से बोले राजीव बजाज

coronavirus in india: कोरोना संकट काल के बीच विपक्ष देश की अर्थव्यवस्था लगातार सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमलावर हैं. वो विशेषज्ञों और उद्योगपतियों से कोरोनावायरस, लॉकडाउन और देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं. इस क्रम में गुरुवार को बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज से चर्चा की.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 4, 2020 12:55 PM

कोरोना संकट काल के बीच विपक्ष देश की अर्थव्यवस्था लगातार सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमलावर हैं. वो विशेषज्ञों और उद्योगपतियों से कोरोनावायरस, लॉकडाउन और देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं. इस क्रम में गुरुवार को बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज से चर्चा की.

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ऐसा विश्व युद्ध के समय पर भी नहीं हुआ था

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किए गए संवाद में बजाज ने यह भी कहा कि बहुत सारे अहम लोग बोलने से डरते हैं और ऐसे में हमें सहिष्णु और संवेदनशील रहने को लेकर भारत में कुछ चीजों में सुधार करने की जरूरत है. बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने पूछा कि आपके यहां स्थिति कैसी है, इसके जवाब में बजाज ने कहा कि सभी के लिए नया माहौल है. हम इसमें ढलने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच कारोबार के साथ बहुत कुछ हो रहा है. राहुल गांधी ने पूछा कि किसी ने नहीं सोचा था कि पूरी दुनिया में लॉकडाउन हो जाएगा, ऐसा विश्व युद्ध के समय पर भी नहीं हुआ था.


भारत में बेहद कठोर लॉकडाउन

इस पर राजीव बजाज ने कहा कि भारत में बेहद कठोर लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसा विश्व में कहीं पर भी नहीं हुआ। हमारे यहां के विपरीत कई देशों में बाहर निकलने की अनुमति थी. बजाज ने कहा कि कहा कि हमारे यहां लॉकडाउन में कई कमियां थी और इससे वायरस का संक्रमण तो फैलता गया, लेकिन बाकी गतिविधियों को ठप कर दिया. इस तरह हमने समस्या नहीं सुलझाई, बल्कि अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया. हमने गलत ग्राफ को फ्लैट कर दिया. कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ नहीं, बल्कि जीडीपी का ग्राफ फ्लैट हो गया.


भारत ने पश्चिम देशों की ओर देखा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो कोरोना संकट से निपट सकते हैं लेकिन करोड़ों मजदूर ऐसे हैं जिन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इसके जवाब में बजाज ने कहा कि भारत ने पश्चिम देशों की ओर देखा.जबकि हमें पूर्व के उन देशों की प्रैक्टिस अपनानी चाहिए थी, जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया. मुझे लगता है कि हमारे यहां तथ्यों की कमी रह गई. लोगों को लगता है कि ये बीमारी कैंसर की तरह है.लोगों की सोच बदलने और जीवन की पटरी पर लाने की जरूरत है. इसमें लंबा समय लग सकता है.

लोगों के दिमाग से डर निकालने की जरूरत 

बजाज ने कहा, मुझे लगता है कि पहली समस्या लोगों के दिमाग से डर निकालने की है. इसे लेकर स्पष्ट विमर्श होना चाहिए. उन्होंने कहा, लोग प्रधानमंत्री की सुनते हैं. ऐसे में अब (उन्हें) यह कहने की जरूरत है कि हम आगे बढ़ रहे हैं, सब नियंत्रण में है और संक्रमण से मत डरिए.

सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज पर बजाज ने कहा कि दुनिया के कई देशों में जो सरकारों ने दिया है उसमें से दो तिहाई लोगों के हाथ में गया है. लेकिन हमारे यहां सिर्फ 10 फीसदी ही लोगों के हाथ में गया है.

Posted by: utpal kant

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