काॅन्ट्रेक्ट कर्मचारी ने कर्नाटक में की महिला अधिकारी की हत्या, पुलिस ने हिरासत में लिया

यह ऑपरेशन दक्षिण बेंगलुरू के डीसीपी के नेतृत्व में आयोजित किया गया. पुलिस की ओर से बताया गया कि वह ड्राइवर के रूप में काम करता था. उसे कुछ ही दिनों पहले नौकरी से हटाया गया था. वह एक काॅन्ट्रेक्ट कर्मचारी था और और उसे कुछ ही दिन पहले हटाया गया था.

By Rajneesh Anand | November 6, 2023 3:17 PM

बेंगलुरु पुलिस ने सोमवार को एक व्यक्ति को कर्नाटक की महिला अधिकारी केएस प्रतिमा की हत्या के मामले में हिरासत में ले लिया. गिरफ्तार व्यक्ति का नाम किरण है जो केएस प्रतिमा के कार्यालय में कांट्रेक्ट कर्मचारी के रूप में कार्य करता था. पुलिस की ओर से यह जानकारी भी दी गई है कि घटना के बाद आरोपी राज्य के चामराजनगर भाग गया था, जहां से उसे सोमवार को गिरफ्तार किया गया.

प्रतिमा मर्डर केस में एक संदिग्ध गिरफ्तार

हत्या के आरोपी के बारे में जानकारी देते हुए बेंगलुरू पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने बताया कि प्रतिमा मर्डर केस में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन दक्षिण बेंगलुरू के डीसीपी के नेतृत्व में आयोजित किया गया. पुलिस की ओर से बताया गया कि वह ड्राइवर के रूप में काम करता था. उसे कुछ ही दिनों पहले नौकरी से हटाया गया था. वह एक काॅन्ट्रेक्ट कर्मचारी था और और उसे कुछ ही दिन पहले हटाया गया था.

कर्नाटक के माइंस एंड जियोलाॅजी विभाग में कार्यरत थीं प्रतिमा

केएस प्रतिमा 37 साल की अधिकारी थीं, जो कर्नाटक के माइंस एंड जियोलाॅजी विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थीं. रविवार रात को उनके आवास पर उनकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रतिमा के शरीर पर चोट के कई निशान थे और उनके गले को भी काटा गया था. प्रतिमा ने शिवमोगा से एमएससी की डिग्री ली थी. वे पिछले डेढ़ साल से बेंगलुरू में नौकरी कर रही थीं. इससे पहले वे रामनगर में काम करती थीं. प्रतिमा को कुछ समय पहले अवैध खनन मामले में सरकार ने छापेमारी के आदेश दिये थे, जिसके बाद उन्होंने बहुत ही निष्ठा के साथ अपना काम किया था, जिसकी वजह से उन्हें काम नाम भी मिला था. वे एक ईमानदार अफसर के रूप में पहचानी जाती थीं. छापेमारी के बाद से उनकी हत्या की आशंका जताई गई थी और बताया जा रहा है कि सरकार के पास भी इस संबंध में जानकारी थी.

Also Read: दिल्ली में ऑड-ईवन होगा लागू, स्कूल बंद, जानें केजरीवाल सरकार ने और क्या लिया फैसला

Next Article

Exit mobile version