कॉमेडियन कुणाल कामरा और रचित तनेजा की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा अवमानना का नोटिस

नयी दिल्‍ली : कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) और कॉमिक आर्टिस्ट रचित तनेता (Rachit Taneja) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोर्ट की अवमानना (contempt of court) का नोटिस दिया है और अगले 6 हफ्ते में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के अन्य मामलों में कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को सुनवाई के दौरान पेश होने से छूट दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2020 12:20 PM

नयी दिल्‍ली : कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) और कॉमिक आर्टिस्ट रचित तनेता (Rachit Taneja) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोर्ट की अवमानना (contempt of court) का नोटिस दिया है और अगले 6 हफ्ते में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के अन्य मामलों में कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को सुनवाई के दौरान पेश होने से छूट दी है. बता दें कि कुणाल कामरा और रचिता तनेजा पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप है.

गुरुवार को यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि तनेजा के खिलाफ कानून के छात्र आदित्य कश्यप की याचिका को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अपनी मंजूरी दी है. आज इसी पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कारण बताओं नोटिस जारी किया है.

गुरुवार के ही अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा था कि मैं मानता हूं कि कार्टून के साथ जुड़े प्रत्येक ट्वीट उच्चतम न्यायालय की अवमानना करने वाले थे. इसलिए मैं अदालत की अवमानना कानून 1971 के तहत कार्यवाही शुरू करने पर अपनी सहमति प्रदान करता हूं. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने शीर्ष अदालत को बताया कि ट्वीट में मामले के गुण-दोष पर अंशमात्र भी चर्चा नहीं की गयी बल्कि न्यायालय की कार्यवाही को सनसनीखेज बनाया गया.

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आदित्य कश्यप ने अधिवक्ता नामित सक्सेना के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि तनेजा द्वारा तस्वीरों के साथ पोस्ट किये गये तीन ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही याचिका दायर करने के लिये पांच दिसंबर को उन्हें अटार्नी जनरल से लिखित सहमति मिल गयी थी.

ये ट्वीट कथित रूप से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और उनके फैसलों के प्रति घृणित, अपमानजनक और जानबूझ कर आक्षेप लगाने वाले थे. याचिका में कहा गया कि तनेजा की ये पोस्ट वायरल हुई और न्यायपालिका की संस्था पर हमला करने वालों ने इसे खूब साझा किया. याचिका के अनुसार तनेजा सोशल मीडिया को प्रभावी करने वाली हैं और उनके विभिन्न मंचों पर हजारों फॉलोअर्स हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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