पैसों की तंगी से बेल पाने में असमर्थ कैदियों की मदद करेगी भारत सरकार, गृह मंत्रालय ने कही ये बात

गृह मंत्रालय समय-समय पर विचाराधीन कैदियों के मुद्दों के समाधान के लिए कई कदम उठाता रहा है. इनमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में धारा 436ए को शामिल करना और सीआरपीसी में एक नया चैप्टर एक्सएक्सआईए प्ली बारगेनिंग को जोड़ना भी शामिल है.

By KumarVishwat Sen | April 7, 2023 2:33 PM

नई दिल्ली : पैसों की तंगी की वजह से अगर किसी गरीब व्यक्ति को जमानत नहीं मिल रही है, तो अब उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने की उम्मीद है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आर्थिक तौर पर गरीब लोगों की जमानत दिलाने में केंद्र की मोदी सरकार मदद करेगी. बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार उन गरीब कैदियों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जो जुर्माने की रकम नहीं चुकाने की वजह से जमानत लेने या जेल से रिहा होने में असमर्थ हैं. गृह मंत्रालय का यह कदम सामाजिक रूप से वंचित या निम्न शिक्षा और आमदनी वाले गरीब कैदियों को जेल से बाहर निकलने में मदद करेगा.

क्या है सरकार का उद्देश्य

गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि योजना की व्यापक रूपरेखा को संबंधित हितधारकों के परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है. इस योजना के तहत भारत सरकार उन गरीब कैदियों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जो पैसों की कमी की वजह से जुर्माने का भुगतान की असमर्थता से जमानत नहीं ले पा रहे हैं या फिर जेलों से रिहा नहीं हो पा रहे हैं. बयान में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में जेलों में विचाराधीन कैदियों के मुद्दों को सुलझाना है.

गरीब बंदियों को फ्री में कानूनी सहायता

बता दें कि गृह मंत्रालय समय-समय पर विचाराधीन कैदियों के मुद्दों के समाधान के लिए कई कदम उठाता रहा है. इनमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में धारा 436ए को शामिल करना और सीआरपीसी में एक नया चैप्टर एक्सएक्सआईए प्ली बारगेनिंग को जोड़ना भी शामिल है. विभिन्न स्तरों पर विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से गरीब बंदियों को फ्री कानूनी सहायता भी प्रदान की जा रही है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आगे यह तय करने के लिए कि बजट का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाया जाए और बजट की प्राथमिकताओं में से एक मार्गदर्शक अर्थात सप्तर्षि अंतिम पड़ाव तक पहुंच रहा है.

Also Read: Explainer: क्या होती है ‘पगली घंटी’ ? इसके बजते ही क्यों सकते में आ जाते हैं जेल के कैदी और अधिकारी

किसे मिलेगा लाभ

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सरकार की इस योजना के तहत गरीब कैदियों का समर्थन किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि इसमें उन गरीब व्यक्तियों को आवश्यक वित्तीय सहायता के प्रावधान की परिकल्पना की गई है, जो जेलों में कैद हैं और जुर्माना या जमानत राशि का इंतजाम कर पाने में सक्षम नहीं हैं. बयान में कहा गया है कि गरीब कैदियों तक लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी संचालित समाधान रखे जाएंगे, ई-जेलों के मंच को मजबूत किया जाएगा, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को मजबूत किया जाएगा और हितकारकों का संवेदीकरण और क्षमता निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा कि जरूरतमंद कैदियों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए.

Next Article

Exit mobile version