BSF ने कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 150 मीटर लंबी और 30 फीट गहरी सुरंग का पता लगाया

BSF, Kathua, tunnel : श्रीनगर : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पानसर क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शनिवार को एक सुरंग का पता लगाया गया है. सुरंग का पता चलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं. आज फिर एक सुरंग का पता चला. सांबा, हीरानगर और कठुआ क्षेत्र में पिछले छह महीनों में यह चौथा और जम्मू क्षेत्र में 10वां स्थान है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2021 2:35 PM

श्रीनगर : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पानसर क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शनिवार को एक सुरंग का पता लगाया गया है. सुरंग का पता चलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं. आज फिर एक सुरंग का पता चला. सांबा, हीरानगर और कठुआ क्षेत्र में पिछले छह महीनों में यह चौथा और जम्मू क्षेत्र में 10वां स्थान है.

बीएसएफ ने बताया कि यह सुरंग करीब 150 मीटर लंबी और 30 फीट गहरी है. मालूम हो कि बीएसएफ ने जून 2020 में एक पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर को इसी इलाके में हथियारों और गोला-बारूद से उड़ा दिया था.

जानकारी के मुताबिक, बीएसएफ ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के हीरानगर के पानसर में 150 मीटर लंबी और 30 फीट गहरी एक सुरंग का पता लगाया है. बताया जाता है कि इस सुरंग का निर्माण भारत में आतंकियों को घुसपैठ कराने के उद्देश्य से किया गया है.

मालूम हो कि बीएसएफ जवानों ने नवंबर 2019 में इसी क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे दल पर गोलीबारी कर कोशिशों को नाकाम कर दिया था. आज फिर एक सुरंग का पता चला. सांबा, हीरानगर और कठुआ क्षेत्र में पिछले छह महीनों में यह चौथा और जम्मू क्षेत्र में 10वां स्थान है.

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बीएसएफ ने कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) तैयार किया है. इस सिस्टम के जरिये बीएसएफ आतंकी घुसपैठियों के मंसूबे नाकाम कर रहा हैं.

किसी भी मौसम में मानवीय हलचलों को पकड़नेवाले इस सिस्टम से बचने के लिए आतंकियों ने सुरंग के जरिये घुसपैठ की योजना बनायी. उनके नापाक मंसूबों को भी बीएसएफ ने नाकाम कर दिया.

सुरक्षा एजेंसियों ने संभावना जतायी है कि सुरंग खोदने के लिए पाकिस्तान पेशेवरों की मदद ले रहा है. इनमें पेशेवर इंजीनियर भी शामिल हो सकते हैं. क्योंकि, सैकड़ों मीटर लंबी सुरंग खोदने के बावजूद किसी को इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिल सकी.

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