बड़ा खुलासा : जम्मू एयरफोर्स एयरबेस तबाह करने की थी ना’पाक’ साजिश, चीनी ड्रोन से गिराये गये थे IED बम

Jammu Drone Attack नयी दिल्ली : जम्मू एयरफोर्स एयरबेस (Jammu Airforce Airbase) पर पिछले महीने हुए ड्रोन हमले (Drone Attack) की साजिश की परते धीरे-धीरे खुल रही हैं. जांच करने पहुंची राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की टीम के हाथ कई बड़े सबूत लगे हैं. सूत्रों के हवाले से आज तक ने बताया कि इस ड्रोल हमले में चीन निर्मित ड्रोन (Chinese Drone) का इस्तेमाल किया गया था. विस्फोट के लिए उपयोग किये गये आईईडी में नाइट्रेट (Nitrate) और आरडीएक्स (RDX) का इस्तेमाल किया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2021 1:06 PM

Jammu Drone Attack नयी दिल्ली : जम्मू एयरफोर्स एयरबेस (Jammu Airforce Airbase) पर पिछले महीने हुए ड्रोन हमले (Drone Attack) की साजिश की परते धीरे-धीरे खुल रही हैं. जांच करने पहुंची राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की टीम के हाथ कई बड़े सबूत लगे हैं. सूत्रों के हवाले से आज तक ने बताया कि इस ड्रोल हमले में चीन निर्मित ड्रोन (Chinese Drone) का इस्तेमाल किया गया था. विस्फोट के लिए उपयोग किये गये आईईडी में नाइट्रेट (Nitrate) और आरडीएक्स (RDX) का इस्तेमाल किया गया था.

सीएनएन-न्यूज 18 की खबर के मुताबिक घटना के वक्त मौजूद चश्मदीदों ने कहा कि हमलावरों ने हमले के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया था. ये दोनों ड्रोन भारत-पाकिस्तान की सीमा की ओर से यहां आये थे. अधिकारियों ने भी पिछले सप्ताह कहा था कि सीमा पार से पाकिस्तान बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि भारत में सीमा पार पाकिस्तान से विस्फोटक भेजे जा रहे हैं.

मंगलवार की शाम चार बजे होगी हाई लेवल मीटिंग

जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले को लेकर मंगलवार को एक हाई लेवल मीटिंग होने वाली है. इस बैठक गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ जम्मू-कश्मीर के डीजी और सीआरपीएफ के डीजी भी मौजूद रहेंगे. बैठक में इसके साथ ही इस बैठक में आईबी के डायरेक्टर और जम्मू कश्मीर के एडीजीपी भी शामिल होंगे. जांच एजेंसी हमले का पाकिस्तान और चीन कनेक्शन पता लगा रही है.

Also Read: श्रीनगर में ड्रोन और मानव रहित वाहनों के इस्तेमाल पर रोक, जम्मू में हुए हमले के बाद प्रशासन ने लिया फैसला
आईईडी में 1.5 और 1.5 किलो आरडीएक्स का हुआ था इस्तेमाल

जम्मू एयरबेस हमले में दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. इसमें मौजूद आईईडी में आरडीएक्स और नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था. एफएसएल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक आईईडी में 1.5 किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था. ड्रोन को जीपीएस सिस्टम से जोड़ा गया था. जीपीएस के माध्यम से ही ड्रोन को एयरबेस तक पहुंचाया गया था.

इस ड्रोन हमले के एहतिहातन सुरक्षा बलों ने श्रीनगर में मानव रहित विमानों की बिक्री, इसे रखने और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दी है. इससे पहले, जम्मू के सीमावर्ती राजौरी और कठुआ जिलों में ड्रोन और अन्य मानवरहित विमानों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई थी. बता दें कि पिछले रविवार को हुए ड्रोन हमले के बाद क्षेत्र में कई और भी ड्रोन उड़ते हुए देखे गये थे. इसके बाद सुरक्षा बलों ने यह कदम उठाया है. आदेश में कहा गया है कि जिनके पास भी मानव रहित विमान और ड्रोन हैं वो उन्हें अगले आदेश तक स्थानीय थानों में जमा करा दें.

Posted By: Amlesh Nandan.

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