Babri Demolition Case, Final Verdict : ‘अराजक तत्वों ने गिराया ढांचा’- कोर्ट का फैसला, जानें बाबरी विध्वंस मामले में कब क्या हुआ

Babri Demolition Case, Final Verdict : बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया है. सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों की एक भीड़ ने अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिरा दिया था, जिसमें 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में 32 साल तक सुनवाई चली, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2020 12:40 PM

Babri Demolition Case, Final Verdict : बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया है. सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों की एक भीड़ ने अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिरा दिया था, जिसमें 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में 32 साल तक सुनवाई चली, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया है.

ढांचा गिरा- 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस की घटना हुई. उस वक्त केंद्र में पीवी नरसिम्हहा राव की सरकार थी, जबकि राज्य में बीजेपी के कल्याण सिंह सीएम थे. बाबरी विध्वंस से पहले कल्याण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि सरकार किसी भी तरीके से इस मामलें में गड़बड़ी नहीं होने देगी.

कल्याण सिंह का इस्तीफा- बाबरी विध्वंस के बाद यूपी के सीएम कल्याण सिंह ने तुरंत अपना इस्तीफा दे दिया. कल्याण सिंह को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन की सजा सुनाई और उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में भेज दिया गया.

दो केस दर्ज- बाबरी विध्वंस मामले में तब नया मोड़ आया जब इस केस में दो एफआईआर दर्ज किया गया. एक एफआईआर में विध्वंस करनेवाली भीड़ के खिलाफ और दूसरा एफआईआर बीजेपी नेताओं के खिलाफ. बीजेपी नेता में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी शामिल रहे.

आडवाणी, जोशी केस पर रोक- एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में बीजेपी नेता मुरलीमनोहर जोशी, लालकृष्ण आडवाणी और बाल ठाकरे के ऊपर चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती– इस केस में तकनीकी आधार सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी.

लिब्राहन आयोग ने रिपोर्ट सौंपी-बता दें कि इस मामले के लिए जांच बनी लिब्रहान कमेटी ने सरकार को अपनीरिपोर्ट सौंप दी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 17 साल के बाद सौंपी. लिब्रहान कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मस्जिद गिराना अवैध था.

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा- सीबीआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी, जिसमें कहा गया था कि इस मामले में दो अलग अलग एफआईआर में अलग अलग सुनवाई होगी.

साजिश रचने का आरोप- बता दें कि बाबरी विध्वंस मामले में नया मोड़ तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में इस मामले के मुख्य आरोपितों के ऊपर साजिश का केस चलाने का आदेश दिया.

ये है मुख्य आरोपी– इस मामले में 49 लोगों को नामित आरोपी बनाया गया था, जिसमें 17 की मौत हो चुकी है. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती साक्षी महराज, कल्याण सिंह अभी आरोपी है. इसके अलावा, राम मंदिर ट्रस्ट के नृत्य गोपाल दास और चंपत राय भी इस आरोपी हैं.

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Posted by : Avinish Kumar Mishra

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