बीज से बनायी भगवान गणेश की इको-फ्रेंडली प्रतिमा, फायदे जानकर होगी बेहद खुशी

देशभर में भगवान गणेश की पूजा को लेकर खास उत्साह है. इस साल कोरोना संकट के बीच सीमित आयोजन करने के आदेश जारी किए गए हैं. इसी बीच लोग अपने हिसाब से तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं. खास बात यह है कि गुजरात के वडोदरा में भगवान गणेश की इको-फ्रेंडली प्रतिमा बनायी गयी है. प्रतिमा को बनाने में पेड़ों के बीज (सीड) का इस्तेमाल किया गया है. इसे ‘सीड गणेश’ का नाम दिया गया है. प्रतिमा बनाने वालों के मुताबिक उनकी कोशिश पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2020 8:09 PM

देशभर में भगवान गणेश की पूजा को लेकर खासा उत्साह है. इस साल कोरोना संकट के बीच सीमित आयोजन करने के आदेश हैं. जबकि, लोग अपने हिसाब से तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं. खास बात यह है गुजरात के वडोदरा में भगवान गणेश की इको-फ्रेंडली प्रतिमा बनायी गयी है. प्रतिमा को बनाने में पेड़ों के बीज (सीड) का इस्तेमाल किया गया है. इसे ‘सीड गणेश’ का नाम दिया गया है. प्रतिमा बनाने वालों के मुताबिक उनकी कोशिश पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की है.

संस्था की कलाकार कविता ने एएनआई को बताया कि हर साल भक्त बड़े उत्साह के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं. हालांकि, पूजा के बाद में भगवान गणेश की प्रतिमा को तालाब, नदी समेत दूसरी जगहों पर विसर्जित कर दिया जाता है. लेकिन, उनकी प्रतिमा सबसे अलग है. उनकी प्रतिमाओं के जरिए पौधे उगेंगे. इस तरह से प्रतिमा की पूजा के बाद उसे विसर्जित करने की जरूरत नहीं रह जाएगी. यह एक तरह से लोगों को संदेश देने की कोशिश भी है.

बता दें इस साल इको-फ्रेंडली गणेश की प्रतिमा की काफी ज्यादा मांग है. वडोदरा की कामधेनु गौ अमृता संस्था ने गाय के गोबर से गणेश की प्रतिमा बनायी है. पूजा के बाद प्रतिमा को टब में डालकर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. तमिलनाडु में कोवई कुलंगल पढुकप्पा एनजीओ दाल से गणेश की प्रतिमा बनायी है. बता दें कोरोना वायरस के संकट की वजह से इस बार भगवान गणेश की प्रतिमा के खरीदार पिछले साल की तुलना में काफी कम पहुंच रहे हैं.

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