Liberation Day:अमित शाह और KCR आमने-सामने! जानिए क्या है ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ बनाम ‘तेलंगाना एकता दिवस’

Hyderabad Liberation Day: तेलंगाना सरकार ने 17 सितंबर को तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया. बड़ी बात यह रही कि तेलंगाना के सीएम ने भारत सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम को छोड़ दिया, जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

By Samir Kumar | September 17, 2022 6:13 PM

Hyderabad Liberation Day: तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और टीआरएस (TRS) के बीच जारी वर्चस्‍व की लड़ाई में दोनों ही दल जोर आजमाइश में जुटे हैं. तेलंगाना में एक ओर जहां बीजेपी की ओर से गृहमंत्री अमित शाह मोर्चा संभालें हुए है. वहीं, दूसरी ओर मुख्‍यमंत्री चंद्रशेखर राव की अगुवाई में टीआरएस केंद्र से मुकाबला करने में जुटी है. इसी कड़ी में तेलंगाना सरकार ने 17 सितंबर को तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया. बड़ी बात यह रही कि तेलंगाना के सीएम ने भारत सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम को छोड़ दिया, जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की ओर से एक कलरफुल परेड की समीक्षा की.

‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के अवसर पर अमित शाह ने किया ध्वजारोहण

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन हैदराबाद राज्य, जो तेलंगाना-महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में फैला हुआ था, भारत के सैन्य अभियान के बाद 17 सितंबर, 1948 को भारतीय संघ में शामिल हो गया. पहली बार, भारत सरकार ने इस अवसर को चिह्नित करने के लिए आधिकारिक समारोह का आयोजन किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के 75 साल पूरे होने के अवसर पर वर्षभर चलने वाले जश्न का उद्घाटन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर एक सेवा कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. केंद्र ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के 75 साल पूरे होने पर सालभर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है.

चंद्रशेखर राव ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, तेलंगाना सरकार ने निजाम शासन में पूर्ववर्ती हैदराबाद रजवाड़े का भारतीय संघ में 17 सितंबर, 1948 को किये गये विलय की याद में शुक्रवार से तीन दिन के लिए ‘तेलंगाना राष्ट्रीय एकीकरण दिवस हीरक जयंती समारोह’ मनाने का निर्णय लिया है. सीएम के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर धार्मिक कट्टरता बढ़ती है, तो यह राष्ट्र को नष्ट कर देगी और इसके परिणामस्वरूप मानवीय संबंधों में गिरावट आएगी. चंद्रशेखर राव ने आरोप लगाया कि देश और उनके राज्य में सांप्रदायिक ताकतें समाज को बांटने और लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही हैं. राव की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा हैदराबाद के परेड मैदान में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के अवसर पर ध्वजारोहण के कुछ देर बाद आई है.

टीआरएस पर अमित शाह का बड़ा हमला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस पर परोक्ष हमला करते हुए शनिवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तेलंगाना में वोट बैंक की राजनीति के कारण ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं मनाया गया था, जबकि कुछ नेताओं ने ऐसा करने का वादा किया था. अमित शाह ने कहा कि वह यह दिवस मनाने का फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देना चाहते हैं. वह ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ पर यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. शाह ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की मांग थी कि सरकार की भागीदारी से ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाया जाए, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि 75 साल बीत गए, मगर सत्ता संभालने वाले लोग वोट बैंक की राजनीति के कारण ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने का साहस नहीं जुटा पाए.

चंद्रशेखर राव का जिक्र करते हुए अमित शाह ने ये कहा…

अमित शाह ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कई लोगों ने चुनावों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान मुक्ति दिवस मनाने का वादा किया. लेकिन, जब वे सत्ता में आए, तो रजाकारों के भय से अपने वादों से मुकर गए. शाह ने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वह इस बात से हैरान नहीं, अपितु खुश हैं कि जब मोदी ने यह दिन मनाने का फैसला किया, तो सभी ने इसका अनुसरण किया. गृह मंत्री ने ‘मुक्ति दिवस’ न मनाने वालों पर हमला करते हुए कहा कि वे जश्न मनाते हैं, लेकिन हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में नहीं, उन्हें अब भी डर है. मैं उनसे कहना चाहता हूं, अपने दिल से डर निकाल दो और रजाकार इस देश के लिए फैसले नहीं ले सकते क्योंकि इसे 75 साल पहले आजादी मिल चुकी है.

क्या था ‘ऑपरेशन पोलो’ अभियान

इससे पहले केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस महीने की शुरुआत में तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उन्हें हैदराबाद परेड मैदान में आयोजित होने वाले उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया था. रेड्डी ने तीनों मुख्यमंत्रियों तेलंगाना के. चंद्रशेखर राव, कर्नाटक के बसवराज बोम्मई और महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे से यह भी अनुरोध किया कि वे अपने राज्यों में उद्घाटन दिवस मनाने के लिए उचित कार्यक्रम आयोजित करें. हैदराबाद राज्य निजाम शासन के अधीन था और पुलिस ने भारत में इसका विलय कराने के लिए ‘ऑपरेशन पोलो’ नाम से अभियान चलाया था, जो 17 सितंबर 1948 को समाप्त हुआ था.

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