अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट क्यों हुआ बंद? जानिए सरकार और सपा की क्या है दलील

Akhilesh Yadav Facebook Account Suspension: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट अचानक सस्पेंड होने से सियासी घमासान मच गया है. सपा ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए बीजेपी पर साजिश का आरोप लगाया है.

By Ayush Raj Dwivedi | October 11, 2025 10:20 AM

Akhilesh Yadav Facebook Account Suspension: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट शुक्रवार शाम को अचानक सस्पेंड कर दिया गया. जिसके बाद देश की राजनीति में बवाल मच गया है. सपा ने इस कार्रवाई को “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया और बीजेपी पर विपक्ष की आवाज़ दबाने की साजिश रचने का आरोप लगाया. वहीं, शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि सरकार का इस कार्रवाई से कोई लेना-देना नहीं है और यह फेसबुक की कम्युनिटी गाइडलाइंस के तहत किया गया कदम है.

80 लाख फॉलोअर्स वाला पेज हुआ सस्पेंड

अखिलेश यादव का यह पेज, जिस पर 80 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे से एक्सेसिबल नहीं रहा. यह वही पेज था जिसका उपयोग अखिलेश यादव नियमित रूप से राजनीतिक टिप्पणियों, सरकार की नीतियों की आलोचना और समर्थकों से संवाद के लिए करते थे.

वहीं, सपा विधायक पूजा शुक्ला ने भी फेसबुक की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा” “यह लाखों लोगों की आवाज़ है. बिना किसी चेतावनी के अकाउंट बंद करना, लोकतंत्र को दबाने की साजिश है.

फेसबुक की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं

खबर लिखे जाने तक फेसबुक (मेटा) की ओर से इस अकाउंट निलंबन पर कोई स्पष्टीकरण या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह निलंबन किसी तकनीकी कारण से हुआ या किसी विशेष नीति उल्लंघन के चलते.

सरकार का जवाब: “हमारा कोई दखल नहीं”

सरकारी सूत्रों ने सपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रियाओं के तहत हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने कहा कि, “यह इंटरमीडियरी गाइडलाइंस के तहत की गई कार्रवाई है, जो देश के हर नागरिक पर समान रूप से लागू होती हैं. फेसबुक ने एक ऐसे पोस्ट के आधार पर कार्रवाई की जो उसके कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स के खिलाफ था.”

सरकारी सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि,“सरकार ने फेसबुक से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया, और यह निर्णय फेसबुक के अपने दिशानिर्देशों के तहत लिया गया है.”