एमएसपी गारंटी कानून पर फिर दिल्ली घेरने की तैयारी में किसान, जंतर-मंतर पर एआईकेसी ने किया प्रदर्शन

एआईकेसी के संयुक्त समन्वयक हरगोबिंद सिंह तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार न तो किसानों के साथ सहयोग कर रही है और न ही उनके मुद्दों का समाधान कर रही है. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को समाप्त हुए एक साल से अधिक हो गया है, लेकिन किसानों के लिए एमएसपी पर सरकार का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

By KumarVishwat Sen | December 9, 2022 7:18 PM

नई दिल्ली : फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून और पिछले साल के आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर एक बार फिर आंदोलन की तैयारी की आहट मिल रही है. इन दोनों मुद्दों पर किसान संगठन एक बार फिर दिल्ली घेरने की तैयारी में जुट गए हैं. अखिल भारतीय किसान कांग्रेस (एआईकेसी) से जुड़े किसान शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया.

किसानों ने सरकार पर लगाए वादों से मुकरने का आरोप

केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कृषकों के साथ सहयोग नहीं करने और उनसे किए गए वादों से मुकरने का भी आरोप लगाया.

एमएसपी को लागू करने में सरकार को हो रही कठिनाई

कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में आए प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों से पिछले साल किए गए वादों को पूरा करने में नाकामी के लिए मोदी सरकार की आलोचना की. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार को किसान विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार के किसान विरोधी दृष्टिकोण के कारण है. यह एक कारण है कि उन्हें एमएसपी को लागू करने में कठिनाई हो रही है. उन्होंने कहा कि यह विरोध जंतर-मंतर तक सीमित नहीं होना चाहिए. हमें इसे आगे बढ़ाना चाहिए और देश का पेट भरने वाले किसानों के अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए.

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सरकार के पास जान गंवाने वालों की सूची नहीं

एआईकेसी के संयुक्त समन्वयक हरगोबिंद सिंह तिवारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार न तो किसानों के साथ सहयोग कर रही है और न ही उनके मुद्दों का समाधान कर रही है. कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन को समाप्त हुए एक साल से अधिक हो गया है, लेकिन किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने का सरकार का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र को अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों के परिवारों का मुआवजा तुरंत जारी करना चाहिए. दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र के पास जान गंवाने वाले किसानों की सूची तक नहीं है. वे मुआवजा भी कैसे जारी करेंगे? उन्होंने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना को शीघ्र लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि देश में अब भी किसानों के लिए एक उचित कानून नहीं है, जो उन्हें सीधे लाभ हो सके.

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