भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की भविष्यवाणी किसने की, जानने के लिए पढ़िये

नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान में सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि कुछ ही दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच ‘सीमित गैर-परमाणु युद्ध’होगा. काटजू ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि कश्मीरी आतंकवादी भारतीय सेना और सीआरपीएफ पर छोटे-छोटे हमले करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि कश्मीर की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 26, 2017 10:54 AM

नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान में सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि कुछ ही दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच ‘सीमित गैर-परमाणु युद्ध’होगा. काटजू ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि कश्मीरी आतंकवादी भारतीय सेना और सीआरपीएफ पर छोटे-छोटे हमले करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि कश्मीर की आबादी का व्यवहार भारत के लिए लगभग पूरी तरह शत्रुतापूर्ण है. इसलिए यहां के लोग आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं. इसी वजह से कश्मीरी जनता आतंकवादियों को आश्रय, भोजन और सूचना देती रहती है.

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काटजू ने आगे लिखा है कि आतंकवादियों के प्रति इस सहानुभूति से निबटने के लिए सेना या सीआरपीएफ उन कुछ लोगों पर हमला करेंगे, जिन पर उन्हें संदेह है कि आतंकवादियों को कुछ मदद या जानकारी दे रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप नरसंहार की घटनाएं बढ़ेंगी, जैसा कि वियतनाम में हुआ था. इस कारण भारतीय सुरक्षा बलों और कश्मीरी जनता के बीच दुश्मनी बढ़ती जायेगी और अधिक गैर-लड़ाके आतंकवाद अपनाते जायेंगे.

एक समय आयेगा, जब जनवरी, 1968 में वियतनाम की तर्ज पर हुए हमलों की तरह हमारे सैनिकों पर कश्मीरी आतंकवादी हमले शुरू कर सकते हैं. इसमें हजारों नहीं, तो सैकड़ों लोग तो हताहत होंगे ही. संभवत: भारतीय सेना आतंकवादियों के शिविरों को नष्ट करने के बहाने LoC को पार करेगी, लेकिन इस बार पाकिस्तानी सेना के तैयार रहने की वजह से ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ संभव नहीं हो पायेगा.

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जस्टिस काटजू लिखते हैं कि इस सीमित युद्ध के कुछ समय बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद युद्ध विराम की मांग करेगी, लेकिन उस समय तक दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे जा चुके होंगे. इस युद्ध के नतीजे का उपमहाद्वीप में लंबे समय तक असर रहेगा.

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