तमिलनाडु: पलानीसामी की प्लानिंग फ्लोर पर कामयाब रही

चेन्नई. तमिलनाडु विधानसभा में ई के पलानीसामी की प्लानिंग कामयाब रही. शशिकला के वफादार पलानीसामी विधानसभा में बहुमत साबित करने में सफल हो गये. उन्हीं की पार्टी के बागी विधायक और बागियों की अगुवाई कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ठोस रणनीति बिना तैयारी के फ्लोर टेस्ट को फेल करने विधानसभा पहुंचे थे, यह उसका भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2017 4:11 PM

चेन्नई. तमिलनाडु विधानसभा में ई के पलानीसामी की प्लानिंग कामयाब रही. शशिकला के वफादार पलानीसामी विधानसभा में बहुमत साबित करने में सफल हो गये. उन्हीं की पार्टी के बागी विधायक और बागियों की अगुवाई कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ठोस रणनीति बिना तैयारी के फ्लोर टेस्ट को फेल करने विधानसभा पहुंचे थे, यह उसका भी परिणाम था. एडीएम ने पन्नीरसेल्वम के समर्थन का एलान तो किया, मगर वह न तो पलानीसामी के खेमे में सेंध लगाने में सफल रहा, न ही उसकी ठोस रणनीति दिखी, बल्कि शुरू से दूसरे-दूसरे गैर महत्व के मुद्दों को लेकर हो-हंगामा कर उसने फ्लोर टेस्टिंग से खुद को अलग रखने की परिस्थति रच ली. इसका भी पूरा लाभ पलानीसामी को मिला.

पलानीसामी ने बड़ी आसानी से स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लिया. 234 निर्वाचित सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में मौजूदा समय में अध्यक्ष को छोड़ कर 232 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 116 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी. सदन में एआइएडीएमके के इस वक्त 132 सदस्य हैं. इस संख्या को बांटने की पन्नीरसेल्वम की कोशिश थी. उन्हें यह भरोसा भी था कि वह ऐसा कर सकेंगे. सदन की कार्रवाई शुरू हाेने के पहले उनके रणनीतिकार विधायकों ने 135 वाेट अपने पक्ष में पड़ने का भरोसा जताया था, मगर ऐसा नहीं हुआ. पन्नीरसामी के साथ केवल 11 विधायक खड़े रहे. इनमें दो वोट दूसरे दल के थे. इससे जाहिर है कि पलानीसामी के इस दावे में दम था कि वह अपनी पार्टी के विधायकों टूट से बचा लेंगे.

पलानीसामी को सदन में 122 विधायकों को समर्थन मिला. विधानसभा अध्यक्ष ने हंमागे और अनुशासनहीनता के आधार पर डीएमके के विधायकों को वोटिंग के पहले सदन से बाहर कर दिया था. कांग्रेस और आईयूएमएल ने विरोध में वॉक आउट किया. अगर ऐसा नहीं भी होता, तो भी पनालीसामी की जीत पक्की थी. विधानसभा में डीएमके 89 और कांग्रेस के 8 विधायक हैं. डीएमके के करुणानिधि स्वास्थ्य कारणों से सदन में नहीं आये. दो अन्य विधायक भी उपस्थित नहीं थे. ऐसे में कांग्रेस और डीएमके मिल भी पन्नीरसेल्वम के मनसे को पूरा नहीं कर सकते थे.

बहारहाल, जिस तरह से सुप्रीमा कोर्ट के आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला के जेल जाना तय होने के बाद आनन-फनन में पलानीसामी को विधायक दल का नेता चुना गया और बागी पन्नीरसेल्वम के हमलों के बीच वह विधायकों को अपने साथ बनाये रखने में कामयाब रहे, उससे यही कहा जा सकता है कि आने वाले समय में शशिकला और पलानीसामी तमिलनाडु की राजनीतिक धुरी बने रहेंगे.

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