विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने वाले केजरीवाल सरकार के बिल को मोदी सरकार ने लौटाया, भड़के सिसोदिया

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार को करारा झटका देते हुए विधायकों की सैलरी बढ़ाने वाले प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है. इसके बाद केंद्र और केजरीवाल के बीच विवाद और गहराने के आसार अधिक दिखाई दे रहे हैं. गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के जरिये दिल्ली सरकार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2017 2:36 PM

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार को करारा झटका देते हुए विधायकों की सैलरी बढ़ाने वाले प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है. इसके बाद केंद्र और केजरीवाल के बीच विवाद और गहराने के आसार अधिक दिखाई दे रहे हैं. गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के जरिये दिल्ली सरकार के विधायकों की तनख्वाह में इजाफा करने से जुड़े बिल को वापस लौटा दिया है. अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारादिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने वाले विधेयक को केंद्र सरकार द्वारालौटाने पर आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

मनीषसिसोदिया ने कहा है कि डेढ़ देा सााल पहले जितने बिल हमने भेजे थे, सबके साथ यही खेल खेलते हैं. उनको रोक रखा है. वे विधायक की तनख्वाह नहीं बढ़ा सकते हैं, लेकिन एमएलए करप्शन करते हैं, उनको खुली छूट दे रखी है. हमारे विधायक करप्शन नहीं करते हैं. हम तो कह रहे हैं कि विधायकों की तनख्वाह 12 हजार रुपये है, उसे बढ़ाकर 40-50 हजार रुपये कर दो, ताकि वे ठीक-ठाक जिंदगी जी लें. उन्होंने कहा कि हमारे एमएलए करप्शन करते नहीं हैं. इनके (भाजपाके) एमएलए स्कूटर पर आते हैं, और उसके बाद बड़े-बड़े महल बना लेते हैं और बड़ी-बड़ी गाड़ियों से उतरते हैं. वे …कहां से आते हैं, उसका हमें फार्मूला बता दें या हमारे एमएलए की तनख्वाह बढ़ा दें. दोनों में से एक काम तो करें, लेकिन वे करते नहीं.

अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधायकों की तनख्वाह में चार सौ फीसदी का इजाफा करने का बिल लाया था, जिसे उप राज्यपाल ने यह कहते हुए लौटा दिया है कि दिल्ली सरकार वैधानिक प्रक्रिया के तहत इस बिल को दोबारा सही तरीके से भेजें. केंद्र ने पिछले साल अगस्त में दिल्ली सरकार से इस बिल के संदर्भ में कई सवाल किये थे. केंद्र ने दिल्ली सरकार से इतनी ज्यादा बढ़ोतरी का व्यवहारिक पक्ष भी जानना चाहा था.

केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से विधायकों की सैलरी बढ़ाने के पीछे उन कारणों को बताने के लिए कहा है, जिससे दिल्ली के विधायकों के जीवन-यापन का खर्च करीब चार सौ फीसदी तक बढ़ा है. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के इस विधेयक को महज एक लाइन की सलाह देकर लौटा दिया है. मंत्रालय ने अपने जवाब में लिखा है कि यह बिल सही तरीके से नहीं भेजा गया है. इसे तभी आगे बढ़ाया जा सकता है, जब यह सही तरीके के साथ भेजा जाये.

बता दें कि वर्ष 2015 में दिल्ली विधानसभा ने विधायकों की सैलरी में संशोधन संबंधी यह विधेयक पास किया था. इसमें विधायकों की सैलरी 88 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया था. इसके साथ ही, विधायकों का यात्रा भत्ता भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर तीन लाख सालाना करने का प्रावधान किया था. इस विधेयक के अनुसार, दिल्ली के विधायकों को बेसिक सैलरी 50,000 रुपये, परिवहन भत्ता 30,000 रुपये, संचार भत्ता 10,000 रुपये और सचिवालय भत्ते के रूप में 70,000 रुपये प्रति महीने का प्रावधान था.

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