मैं समझता हूं कि मंच पर बैठे लोग गंभीर है, लेकिन आप मुस्कुरा सकते हैं : मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वह मंच पर गंभीरता को समझ सकते हैं लेकिन दूसरे लोग मुस्कुरा सकते हैं. प्रधानमंत्री ने यह बात तब कही जब कुछ ही मिनट पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि इस बात का लेकर व्यापक तौर पर डर फैला हुआ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 1, 2016 1:25 AM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वह मंच पर गंभीरता को समझ सकते हैं लेकिन दूसरे लोग मुस्कुरा सकते हैं. प्रधानमंत्री ने यह बात तब कही जब कुछ ही मिनट पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि इस बात का लेकर व्यापक तौर पर डर फैला हुआ है कि जजों के फोन टैप किये जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने हालांकि केजरीवाल की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. उन्होंने कहा कि जो लोग यहां मौजूद हैं वे मुस्कुरा सकते हैं क्योंकि वे दिल्ली उच्च न्यायालय का स्वर्ण जयंती समारोह मना रहे हैं.

मोदी ने कहा, ‘मुझे अदालत में आने का कभी मौका नहीं मिला लेकिन मुझे बताया गया कि वहां माहौल गंभीर होता है. इसका प्रभाव यहां भी देखने को मिल रहा है. यह स्वर्ण जयंती समारोह है, थोड़ा मुस्कुराएं.’ उन्होंने कहा, ‘ मैं मंच पर गंभीरता को समझ सकता हूं ताकि कोई गलत धारणा नहीं बने. लेकिन यहां (श्रोताओं में) मैं नहीं समझता कि कोई समस्या है.’

प्रधानमंत्री के हास्य विनोद के बाद वहां मौजूद लोग मुस्कुरा दिये. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि इस बात को लेकर डर व्यापक तौर पर फैला हुआ है कि जजों के फोन टैप किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि यह बात सच है तो यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सबसे बड़ा हमला है.

केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता मूलभूत है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता. केजरीवाल ने ये बातें दिल्ली उच्च न्यायालय की स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान कही, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी शिरकत की.

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