HIV संक्रमित पत्नी को गुजारा भत्ता देने का अदालत का आदेश

ठाणे : ठाणे जिला अदालत ने 25 वर्षीय व्यक्ति को उसकी एचआईवी संक्रमित पत्नी को गुजारा भत्ता देने के एक मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा और इसके खिलाफ दायर की गयी व्यक्ति और उसके माता-पिता की अपील खारिज कर दी. महिला ने अपने आवेदन में कहा था कि उसकी शादी रायगढ जिले के कलमबोली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 28, 2016 1:25 PM

ठाणे : ठाणे जिला अदालत ने 25 वर्षीय व्यक्ति को उसकी एचआईवी संक्रमित पत्नी को गुजारा भत्ता देने के एक मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा और इसके खिलाफ दायर की गयी व्यक्ति और उसके माता-पिता की अपील खारिज कर दी. महिला ने अपने आवेदन में कहा था कि उसकी शादी रायगढ जिले के कलमबोली के रहने वाले व्यक्ति से 20 मई, 2013 को उत्तर प्रदेश में हुई थी. दंपत्ति अहमदाबाद में रह रहा था, उसी दौरान महिला गर्भवती हुई. इसके बाद उसके खून के नमूनों की जांच की गयी, जिसमें यह बात सामने आयी कि वह एचआईवी संक्रमित है.

इस तथ्य के सामने आने के बाद पति ने महिला को उसके माता-पिता के घर भेज दिया और उन्होंने उसके प्रसव और चिकित्सकीय उपचार का खर्च उठाया. अब अपने माता-पिता के घर रह रही महिला अपना और अपने बच्चे का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है और उसने 37,000 रुपये प्रति माह के गुजारा भत्ता के साथ अंतरिम राहत की मांग की.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद ठाणे के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने व्यक्ति को अपनी पत्नी को 6,000 रुपये प्रति माह का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था. इसके बाद महिला के पति और उसके माता-पिता ने मजिस्ट्रेट के निर्णय को चुनौती दी जिससे जिला न्यायाधीश पी पी जाधव ने बरकरार रखा.

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