विदेश सचिव ने पाक उच्चायुक्त बासित को तलब किया, उरी हमले का सबूत सौंपा

नयी दिल्ली :विदेश सचिव एस जयशंकर ने दस दिन से भी कम समय में आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उरी हमले को लेकर दूसरा डिमार्शे जारी किया और उन्हें उस आतंकवादी हमले में ‘‘सीमापार स्रोत’ के सबूत दिखाये जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 27, 2016 6:00 PM

नयी दिल्ली :विदेश सचिव एस जयशंकर ने दस दिन से भी कम समय में आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उरी हमले को लेकर दूसरा डिमार्शे जारी किया और उन्हें उस आतंकवादी हमले में ‘‘सीमापार स्रोत’ के सबूत दिखाये जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि विदेश सचिव ने बासित को तलब किया और उन्हें बताया कि प्रारंभिक जांच में मारे गए उरी हमलावरों में से एक की पहचान हाफिज अहमद के तौर पर हुई है जो कि फिरोज का पुत्र और मुजफ्फराबाद के धारबंग का निवासी है. इसके साथ ही इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी आकाओं की जानकारी मिलती है.

बासित से कहा गया, ‘‘स्थानीय ग्रामीणों ने उरी सेक्टर में 21 सितम्बर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के दो व्यक्तियों को पकडकर भारतीय सुरक्षा बलों को सौंपा था जिन्होंने आतंकवादियों के लिए गाइड के तौर पर काम किया और उन्हें नियंत्रण रेखा से घुसपैठ करने में मदद की थी..’ बासित से कहा गया, ‘‘उनके बारे में जानकारी इस प्रकार से है…फैजल हुसैन अवान (20), पुत्र गुल अकबर निवासी पोथा जहांगीर, मुजफ्फराबाद और यासीन खुर्शीद (19), पुत्र मोहम्मद खुर्शीद निवासी खिलियांना कलां, मुजफ्फराबाद.’ विदेश सचिव ने बासित से कहा कि पूछताछ के दौरान अवान ने एनआईए को बताया है कि उन्होंने उस समूह को सीमा पार करने का ‘‘रास्ता बताया और मदद की’ जिसने 18 सितम्बर को उरी हमले को अंजाम दिया था

बासित को बताया गया कि 23 सितम्बर 2016 को एक अन्य घटना में पाकिस्तान का एक नागरिक अब्दुल कयूम, निवासी सियालकोट, पाकिस्तान के सियालकोट सेक्टर के दूसरी ओर स्थित मोलू सेक्टर से पकडा गया. उसने आतंकवादी समूह लश्करे तैयबा के साथ तीन सप्ताह का प्रशिक्षण हासिल करना और उसके प्रमुख संगठन फलाहे इंसानियत फाउंडेशन को पर्याप्त धनराशि दान करना स्वीकार किया है.
विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त बासित से कहा, ‘‘हम पाकिस्तान के उच्चायोग को इन तीन व्यक्तियों तक दूतावास पहुंच मुहैया कराने को तैयार है जिन्हें भारत में आतंकवादी हमलों के सिलसिले में पकड़ा गया है.’ बासित को यह भी बताया गया कि इन गिरफ्तारियों और उसके बाद की पूछताछ से सीमापार घुसपैठ रेखांकित हुई है जो उनके पूर्ववर्ती बातचीत का विषय रहा है. जयशंकर ने जोर देकर कहा, ‘‘हम एक बार फिर पाकिस्तान सरकार से कहते हैं कि वह अपनी धरती और अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमले नहीं होने देने की अपनी प्रतिबद्धता को गंभीरता से ले.
पाकिस्तान से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवादी हमलों का जारी रहना स्वीकार नहीं है.’ 18 सितम्बर के आतंकवादी हमले के बाद से ऐसा दूसरी बार हुआ है जब पाकिस्तानी उच्चायुक्त को आतंकवादी हमले को लेकर तलब किया गया है. इस हमले के बारे में भारत का कहना है कि इसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने अंजाम दिया है.भारत ने पहले ही पाकिस्तान को उरी और पुंछ में मारे गए आतंकवादियों के फिंगरप्रिंट और डीएनए नमूने मुहैया कराने की पेशकश की है, यदि वह इन सीमापार हमलों की जांच करना चाहे

Next Article

Exit mobile version