पनडुब्बी दस्तावेज लीक मामले में फ्रेंच नेवी के पूर्व अधिकारी का हाथ?

नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए फ्रांस की मदद से बन रहीं छह पनडुब्बियों की क्षमताओं से जुड़ी 22000 से अधिक पृष्ठों की अत्यंत गुप्त सूचना लीक हो गयी है. इसके बाद सुरक्षा प्रतिष्ठानों को लेकर सरकार चौकन्ना हो गयी है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2016 7:32 AM

नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए फ्रांस की मदद से बन रहीं छह पनडुब्बियों की क्षमताओं से जुड़ी 22000 से अधिक पृष्ठों की अत्यंत गुप्त सूचना लीक हो गयी है. इसके बाद सुरक्षा प्रतिष्ठानों को लेकर सरकार चौकन्ना हो गयी है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को पूरे मामले की छानबीन करने का आदेश दिया है. वहीं पोत निर्माता डीसीएनएस से भी रिपोर्ट मांगी है. मझगांव डॉक में 3.5 अरब डॉलर की लागत से निर्मित होनेवाली स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की लड़ाकू क्षमता तब सार्वजनिक हुई, जब समाचारपत्र ‘द आस्ट्रेलियन’ ने जानकारी वेबसाइट पर डाल दी.

मालूम हो कि फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस इन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन कर रही है. इस मामले में शक की सुई फ्रेंच नेवी के पूर्व अधिकारी की ओर जा रही है.

गहरे पानी में दुश्मनों को मात देने का दम

समाचार पत्र ‘द आस्ट्रेलियन’ के मुताबिक लीक हुई जानकारी में यह शामिल है कि पनडुब्बियां किस फ्रीक्वेंसी पर सूचना एकत्रित करती है. विभिन्न गति पर वह किस स्तर की ध्वनि करती हैं और उसकी गोता लगाने की गहराई, सीमा और ठहराव क्या है. ये सभी संवेदनशील सूचनाएं हैं, जो कि अत्यंत गुप्त होती हैं. भारत के लिए चिंता की बात यह है कि उसके सामरिक प्रतिद्वंद्वी जैसे पाकिस्तान या चीन यदि इसे हासिल कर लेते हैं, तो खतरनाक होगा.

रक्षा मंत्री बोले : हैकिंग से इनकार नहीं

रक्षा मंत्री पर्रीकर ने कहा कि मैंने नौसेना प्रमुख से कहा है कि वह पूरे मामले का अध्ययन करें. पता लगाएं कि क्या लीक हुआ है? उसमें हमारे बारे में क्या जानकारी है और किस सीमा तक है?

नौसेना ने कहा : लीक का स्रोत विदेश में

नौसेना ने कहा कि जानकारी लीक होना चिंता का विषय है. दस्तावेज पुराना था और पनडुब्बी की प्रारंभिक डिजाइन में कई बदलाव हुए हैं, जिसकी जानकारी लीक हुई है. उपलब्ध जानकारी की जांच रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर की जा रही है.

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