भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली नई मिसाइल का किया परीक्षण

बालेश्वर (ओडिशा) : भारत ने इस्राइल के साथ संयुक्त रुप से विकसित की गई सतह से हवा में मार करने वाली एक नई मिसाइल का आज सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के तट के पास स्थित रक्षा ठिकाने से किया गया. डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि मध्यम दूरी की मिसाइल (एमआर-एसएएम) […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 30, 2016 11:25 AM

बालेश्वर (ओडिशा) : भारत ने इस्राइल के साथ संयुक्त रुप से विकसित की गई सतह से हवा में मार करने वाली एक नई मिसाइल का आज सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के तट के पास स्थित रक्षा ठिकाने से किया गया. डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि मध्यम दूरी की मिसाइल (एमआर-एसएएम) भारत और इस्राइल के साझा उपक्रम का एक उत्पाद है. इसे चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सुबह लगभग आठ बजकर 15 मिनट पर एक मोबाइल लॉन्चर की मदद से दागा गया. उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रायोगिक परीक्षण सफल रहा और इसने सभी लक्ष्य पूरे कर लिए.’ अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल को आईटीआर के लॉन्च पैड-3 पर रखा गया था. यह रेडारों से सिग्नल मिलने के बाद सक्रिय हो गई थी.

मिसाइल द्वारा बंगाल की खाडी के उपर गतिशील हवाई लक्ष्य को अवरुद्ध किए जाने में मानवरहित वायुयान (यूएवी) ‘बेंशी’ की एक अहम भूमिका रही. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रणाली में मिसाइल के अलावा बहु संचालनात्मक निरीक्षण और खतरे की सूचना देने वाला रेडार (एमएफ एसटीएआर) लगा है ताकि मिसाइल और उसके रास्ते की पहचान की जा सके और उसका दिशानिर्देशन किया जा सके. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘एमएफ-स्टार के साथ यह मिसाइल प्रयोगकर्ताओं को हवाई खतरों को अप्रभावी करने की क्षमता से लैस करेगी.’

आरडीओ की हैदराबाद स्थित भारतीय रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्टरी के साथ मिलकर संयुक्त रुप से यह मिसाइल विकसित की है. सतह से हवा में लंबी और मध्यम दूरी तक की मारक क्षमता रखने वाली ऐसी 100 मिसाइलों का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए मेसर्स भारत डायनेमिक्स लिमिटेड में एक नई उत्पादन इकाई की स्थापना की गई है. इस मिसाइल का परीक्षण कल ही होना था लेकिन अंतिम समय पर इसे आज के लिए टाल दिया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले, भारतीय नौसेना ने सतह से हवा में लंबी दूरी तक की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण 30 दिसंबर 2015 को पश्चिमी समुद्री तट पर आईएनएस कोलकाता से किया गया था. उन्होंने कहा कि सतह से हवा में मारने वाली इस तरह की मध्यम दूरी की मिसाइलों की मारक क्षमता 50 से 70 किलोमीटर की होती है. ये मिसाइलें भारत के अस्त्रागार में फिलहाल मौजूद मिसाइलों के अंतर को पाट सकती हैं.

प्रयोगकर्ता परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद इन मिसाइलों को तीनों सेवाओं में शामिल किया जाएगा. जिला राजस्व अधिकारी ने कहा कि मिसाइल का सफल परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए बालेश्वर जिला प्रशासन ने रक्षा अधिकारियों से परामर्श करके आईटीआर के लॉन्च पैड संख्या 3 के ढाई किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 3652 नागरिकों को अस्थायी रुप से पास के आश्रय केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया. बंगाल की खाडी के तट पर स्थित ओडिशा के तीन जिलों- बालेश्वर, भद्रक और केंद्रपाडा के मछुआरों से कहा गया था कि वे परीक्षण के समय समुद्र में न जाएं.

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