GST पर अपने वादे से पीछे हटा केरल, तमिलनाडु पहले से ही कर रहा विरोध

कोलकाता : केरल वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: का समर्थन करने के अपने वादे से पीछे हट गया है. राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के चेयरमैन अमित मित्रा नेमंगलवारको यह बात कही. मित्रा पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इस्साक ने शहर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 29, 2016 12:08 PM

कोलकाता : केरल वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: का समर्थन करने के अपने वादे से पीछे हट गया है. राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के चेयरमैन अमित मित्रा नेमंगलवारको यह बात कही. मित्रा पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इस्साक ने शहर में हाल में हुई बैठक में विधेयक का समर्थन किया था लेकिन अब वह कह रहे हैं कि वह आम सहमति के लिये प्रयास कर रहे हैं.

सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में मित्रा ने कहा कि आम सहमति की बात करने का मतलब है कि चीजें ठीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वाम मोर्चे में पूरी तरह विरोधाभास और भ्रम की स्थिति है. राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति की 14 जून को हुई बैठक में तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्यों ने जीएसटी विधेयक का समर्थन करने पर सहमति जतायी थी. केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार को संसद के आगामी मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक पारित होने का विश्वास है. जीएसटी विधेयक के मसौदे को सार्वजनिक टिप्पणी के लिये भी जारी कर दिया गया है.

इससेपहले ऐसा माना जा रहा था कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो संसद के मानसून अधिवेशन में ही जीएसटी विधेयक पारित हो जायेगा.बीतेदिनों केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोलकाता में देश के 22 राज्यों के वित्त मंत्रियों व शेष सात के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में पूरे देश में एकल कर व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से लाया जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स या जीएसटी) पर चर्चा की गयी.

बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहाथाकि जीएसटी को लागू करने के उद्देश्य से आयोजित आज की बैठक काफी सकारात्मक रही. वित्त मंत्रालय ने जीएसटी का ड्राफ्ट जारी किया है. राज्यों ने जीएसटी मॉडल के ड्राफ्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

तमिलनाडु को छोड़ कर बाकी सभी राज्यों ने जीएसटी का समर्थन करने की बात कही है. तमिलनाडु ने भी इस संबंध में कुछ सुझाव दिये हैं, जिस पर केंद्र सरकार विचार करेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री ने तीन साल में एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स की मांग पर भी लचीला रुख अपनाने के संकेत दिये हैं.

गौरतलब है कि जीएसटी पास कराने के लिए केंद्र सरकार काफी वर्षों से कोशिश कर रही है, लेकिन किसी न किसी कारण से बिल अटक जाता है. केंद्र सरकार इस बिल को लाने से पहले इसके विरोधों को खत्म करना चाहती है. राज्य और केंद्र के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद है. सरकार इस बैठक के जरिये पहले उन विरोधों को खत्म करना चाहती है. कई राज्य जीएसटी के पक्ष में है तो कई राज्य इस बिल के बाद अपने राज्यों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है.

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