प्रधानमंत्री पहुंचे अस्सी घाट, कहा-ई बोट के वितरण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

वाराणसी: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेहरु-गांधी परिवार पर निशाना साधा और गंगा नदी में सौर..उर्जा से चलने वाली नौकाओं की शुरुआत करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण निषाद समुदाय से संपर्क साधने का प्रयास किया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 1, 2016 4:57 PM

वाराणसी: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेहरु-गांधी परिवार पर निशाना साधा और गंगा नदी में सौर..उर्जा से चलने वाली नौकाओं की शुरुआत करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण निषाद समुदाय से संपर्क साधने का प्रयास किया. मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने जीपीएस प्रणाली को बढाने के लिए सात उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं. जिस प्रकार की राजनीति हमारे देश में हो रही है और व्यापक रुप से कार्य किए जा रहे हैं, हमारे मन में आया कि इसका (सौर उर्जा चालित नौका परियोजना) नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय या श्यामा प्रसाद मुखर्जी (आरएसएस विचारक) के नाम पर रखा जाए.”

उन्होंने कहा, ‘‘आपने पहले ही देखा है कि कितनी योजनाओं का नाम एक ही परिवार के नाम पर रखा गया है. हमारे मन में भी लोभ आया कि परियोजना का नाम उनके नाम पर रखा जाए जो हमसे जुडे हैं. लेकिन यह मोदी अलग चीज से बना हुआ है. मैंने इसे नाविक नाम दिया. मैंने इसका नाम अपने परिवार के किसी सदस्य या किसी नेता के नाम पर नहीं रखा. मैंने एक ऐसा नाम दिया है जो मछुआरा समुदाय को अमरता प्रदान करता है.” वाराणसी के अस्सी घाट पर सौर उर्जा से चलने वाली 11 नौकाओं की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का जोर गरीबी के खिलाफ लडाई में निर्धन लोगों को सशक्त बनाने के लिए दीर्घावधि योजना पर है और यह कदम उसके अनुरुप है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में ऐसा नहीं होता था.

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हमारे देश में राजनीति ने ऐसी दिशा पकड ली जिसका उदेश्य हमेशा वोट बैंक को मजबूत बनाने का था.जोर इस बात पर होता था कि वोट बैंक को मजबूत होना चाहिए, भले ही निर्धन, देश के नागरिक सशक्त हुए या नहीं, देश मजबूत हुआ या नहींमोदी ने कहा, ‘‘इसके पहले जब हमारे निषाद भाइयों की कोई बात होती थी, डीजल की कीमत में एक रुपए कमी आदि कर दी जाती थी, इस उम्मीद में कि वे लोग उनके पक्ष में मतदान करेंगे. लेकिन हमने योजना बनायी है जो गरीबों को गरीबी से लडने और उसे हराने में मदद करेगी. हम उस दिशा में काम कर रहे हैं.” इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य योजनाओं का भी जिक्र किया.पिछडे मछुआरों और केवट, निषाद जैसे समुदायों से संपर्क साधने का प्रयास करते हुए मोदी ने उन्हें ‘‘भाइयों” के रुप में संबोधित किया और कहा कि उनकी सरकार ‘‘गरीबों के लिए” है.

इसके पहले उन्होंने बलिया में 8000 करोड रुपए की एक योजना की शुरुआत की जिसके तहत पांच करोड गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी अधिकतर नीतियां मतपेटियों को ध्यान में रखकर बनायी गयीं न कि गरीबी उन्मूलन या विकास के लिए. मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिये हैं. लेकिन ऐसे क्या कारण रहे कि हमारी गरीबी और गरीबों की संख्या बढती ही गयी. हमारी नीतियों में ऐसी क्या कमी थी? उन्होंने कहा कि गाजीपुर के एक सांसद ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्याप्त गरीबी का मुद्दा तब उठाया था जब जवाहर लाल नेहरु प्रधानमंत्री थे। उसके बाद एक आयोग का गठन किया गया था जिसने कई सिफारिशें कीं. मोदी ने कहा कि उन सिफारिशों का क्या हुआ, वह तो भगवान जाने. उसके 50 साल हो चुके हैं. आयोग ने गाजीपुर और मउ को रेल से जोडने की भी सिफारिश की थी. उसे अमल में लाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है

वाराणसी में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समस्याओं की जड तक जाने में विश्वास करती है ताकि उनका हल किया जा सके। अन्यथा स्थिति गतिहीन बनी रहेगी और चुनाव तथा सरकारों कस गठन होता रहेगा.

उन्होंने कहा कि देश की आजादी के करीब 70 साल हो जाने के बाद भी 40 प्रतिशत भारतीयों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद थे। हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरु की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीबी जीरो बैलैंस के साथ अपने खाते खोल सकें। बैंकों को याद रखना चाहिए कि यह सरकार, देश और बैंक गरीबों के लिए हैं.

गरीबों के लिए एलपीजी योजना के बारे में मोदी ने जिक्र किया कि एक समय था जब लोगों को सांसदों के समक्ष जाना होता था और सांसदों के पास 25 लोगों को गैस कनेक्शन देने का कोटा होता था. उन्होंने कहा, ‘‘वह भी एक सरकार थी जो 25 कनेक्शन देकर बडा सोचती थी और यह भी एक सरकार है जिसने अगले तीन साल के अंदर पांच करोड परिवारों को गैस कनेक्शन देने का फैसला किया है.” कांग्रेस अक्सर मोदी सरकार को ‘‘धनी और कार्पोरेट का ख्याल रखने वाली” सरकार बताते हुए उसकी आलोचना करती रही है. मोदी ने अपनी सरकार और पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना करते हुए कहा, ‘‘विगत में कई सरकारें आयीं जिसने धनी लोगों के लिए काम किया। इस बार एक सरकार आयी है जिसका मकसद गरीबों को लाभ पहुंचाना है..”

मछुआरा समुदाय और नौकाचालकों के सदस्यों को बहनों और भाइयों के रूप में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ पहले जब चुनाव आते थे, इस बात पर चर्चा होती थी कि मछुआरों को कितना डीजल दिया जाए। आज, हम उन्हें इससे आजादी दे रहे हैं और ई..नौका शुरु कर रहे हैं जिससे कोई शोर नहीं होगा और मेरे निषाद भाइयों का पांच सौ रुपया बचेगा जो वे प्रतिदिन डीजल पर खर्च करते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘पहले सरकार डीजल की कीमत में एक या दो रुपए की कमी करती थी. आज मेरे एक फैसले से हर गरीब नाविक प्रतिदिन 500 रुपए बचा सकेगा. अब वह गरीबी को हरा सकेगा या नहीं? एक फैसला बडा बदलाव ला सकता हैमोदी ने कहा कि इन ई-नौकाओं में मोबाइल चार्जिंग सुविधा भी होगी जिससे पर्यटक नौकायन के लिए प्रेरित होंगे और हमारे हजारों नाविक, केवट, मछुआरे भाई और बहनों के लिए अच्छी आय होगी.

उन्होंने समुदाय से अपील की कि वे बचायी गयी राशि को अल्कोहल पर नहीं बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा पर शिक्षा खर्च करें. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से स्वच्छता अभियान पर पूरी तरह से अमल करने की भी अपील की. उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं और मल्लाह या निषाद मतदाताओं की संख्या खासी है. भाजपा के लिए इस चुनाव में काफी कुछ दांव पर है. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर कामयाबी मिली थी

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