ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा, अमित शाह ने सोनिया गांधी से पूछे चार सवाल
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील के मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चार सवाल पूछे. इन सवालों के जरिये भाजपा ने सीधे कांग्रेस और उस वक्त के रक्षा मंत्री ए.के एंटनी पर निशाना साधा. शाह ने सोनिया से पूछा कि घूस के आरोप सिद्ध होने के […]
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील के मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चार सवाल पूछे. इन सवालों के जरिये भाजपा ने सीधे कांग्रेस और उस वक्त के रक्षा मंत्री ए.के एंटनी पर निशाना साधा. शाह ने सोनिया से पूछा कि घूस के आरोप सिद्ध होने के बाद भी यह सौदाक्योंजारी रखा गया. जब इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी शुरू हो गयी तब 2013 में इसे होल्ड में रखा गया.
Congress President should come out clean and answer all the questions we have raised: Amit Shah #AgustaWestland pic.twitter.com/y52x8Ea0yC
— ANI (@ANI) April 29, 2016
आखिर यह सब किसके इशारे पर किया गया. शाह ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी जिस तरह का व्यवहार कर रही है वो "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे " वाली कहावत को सिद्ध करता है. इतने आरोपों के बाद उन्हें शर्म आनी चाहिए. इस मामले में उन्हें देश की जनता के सामने पूरी सच्चाई रखनी चाहिए. उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया से बात करनी चाहिए और पूरी सच्चाई सामने रखनी चाहिए. भाजपा ने इस सौदे के जरिये कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है.
Congress is trying to mislead people of this country by raising irrelevant questions: Amit Shah, BJP #AgustaWestland pic.twitter.com/W0I025nEJK
— ANI (@ANI) April 29, 2016
पहला सवाल
ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील में सौदे से पहले जो नियम तय किये गये उन नियमों को ताक पर रख दिया गया. टेंडर में प्रावधान था कि इसमें सिर्फ ऑरिजनल मेन्यूफेकचर ही सौदे के लिए अप्लाई कर सकते हैं. जिस कंपनी से सौदा हुआ वह ऑरिजनल
मेन्यूफैक्चररनहीं है. 2012 के रिपोर्ट में यह साफ है कि यह कंपनी ऑरिजनलमेन्यूफैक्चररनहीं है उसके बाद भी नियमों को तक में रखकर उनके साथ सौदा किया गया.
मेन्यूफैक्चररनहीं है. 2012 के रिपोर्ट में यह साफ है कि यह कंपनी ऑरिजनलमेन्यूफैक्चररनहीं है उसके बाद भी नियमों को तक में रखकर उनके साथ सौदा किया गया.
दूसरा सवाल
टेंडर में यह साफ था कि कंपनी सौदे से पहले भारत में इसका ट्रायल करेगी लेकिन बाद में इस नियम की भी अनदेखी कर दी गयी. बाद में कंपनी के परिसर के अंदर ही ट्रायल पर समहति बन गयी. ऐसा क्यों हुआ क्या इसके लिए रक्षा मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है.
तीसरा सवाल
इस सौदे पर खूब सवाल उठे. कई आरोप लगे लेकिन इस सौदे को होल्ड नहीं किया गया. जबकि इटली की अदालत में इसे लेकर खूब हंगामा हुआ और यह सिद्ध हुआ कि सौदे में घूस दिये गये हैं. इतने आरोपों के बाद भी सौदा जारी था अंतत: जब 2013 में इस सौदे को लेकर घूस साबित होने लगे गिरफ्तारी होने लगी तब जाकर इसे होल्ड किया गया.
चौथ सवाल
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि इस सौदे के सारे पैसे भारत आ गये हैं. यह गलत है इस सौदे के एक खेप के पैसे आये हैं लेकिन अबतक सारे पैसे भारत नहीं आये. कांग्रेस का यह दावा गलत है कि सारे पैसे आ चुके हैं.
