जिंदगी की जंग हार गया ”शक्तिमान”, भाजपा के प्रदर्शन में हुआ था घायल

देहरादून : भाजपा के विरोध प्रदर्शन में घायल धोड़े शक्तिमान की मौत हो गयी. जख्म इतना बढ़ गया था कि इनफैक्शन के कारण उसकी टांग काटनी पड़ी थी. हालांकि शक्तिमान तेजी से रिकवर कर रहा था और उसकी कृत्रिम टांग अमेरिका से मंगवायी जा रही थी लेकिन शक्तिमान घायल होने के बाद चल नहीं पा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 20, 2016 6:07 PM

देहरादून : भाजपा के विरोध प्रदर्शन में घायल धोड़े शक्तिमान की मौत हो गयी. जख्म इतना बढ़ गया था कि इनफैक्शन के कारण उसकी टांग काटनी पड़ी थी. हालांकि शक्तिमान तेजी से रिकवर कर रहा था और उसकी कृत्रिम टांग अमेरिका से मंगवायी जा रही थी लेकिन शक्तिमान घायल होने के बाद चल नहीं पा रहा था और स्थिर होने के कारण उसके शरीर का कई अंग निष्क्रिय हो गये. देहरादून पुलिस कैंप में जवान भी शक्तिमान का विशेष ध्यान रख रहे थे. गौरतलब है कि भाजपा विधायक गणेश जोशी पर आरोप लगा था कि उनके कारण शक्तिमान की टांगकाटनी पड़ी थी. इस मामले ने एक सियासी रंग ले लिया था.

सोशल मीडिया में भी घटना की तस्वीर खूब वायरल हुई थी.. इस घटना के कारण गणेश जोशी को जेल जाना पड़ा था फिलहाल वह जमानत में बाहर हैं. गणेश जोशी पर घोड़ा शक्तिमान को डंडा मारने और उसे घायल करने का आरोप है. घोड़े को इतनी गंभीर चोट आयी और उसकेइलाजमें कोताही बरतने का भी मामला सामने आया. घोड़े के पैर को संक्रमण के डर से काटना पड़ा था.इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें जोशी घोड़े के सामने लाठी चलाते दिख रहे हैं. प्रमोद बोरा भी एक अन्य वीडियो में घोड़े की लगाम खींचते नजर आ रहे हैं. जोशी पर आरोप लगा कि उन्होंने घोड़े के पैर में लाठी मारी जिससे घोड़ा घायल हुआ.
भाजपा ने कहा,इलाजमें हुई लापरवाही
उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ठ ने कहा, शक्तिमान केइलाजमें लापरवाही बरती गयी. अगरएक्सपर्टबुलाया जाता तो आज शक्तिमान हमारे बीच होता.सरकार ने उसके इलाज में लापरवाही की जिसके कारण आज शक्तिमान हमारे बीच नहीं है. इस मामले में बेकार की राजनीति की गयी हमारे विधायक गणेश जोशी ने अपनी रक्षा में लाठी जमीन पर पटकी. उन्होंने घोड़े को घायल नहीं किया.
हरीश रावत ने कहा, मौत से गहरा दुख हुआ
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, मुझे शक्तिमान की मौत की खबर से गहरा धक्का पहुंचा है.उन्होंनेकहा कि मैं इस पर राजनीति नहीं करना चाहता लेकिनकेंद्र में वउत्तराखंड में भी उनकी सरकार है. उन्हें इलाज पर ध्यान देना चाहिए. हमने शक्तिमान के इलाजमें कोई कसर नहीं छोड़ी. शक्तिमान हमारे लिए एक सिपाही की तरह था.
जानिये कौन था शक्तिमान
शक्तिमान उत्तराखंड पुलिस का एक घोड़ा था जिसे 95,000 रुपये में खरीदा गया था. पुलिस दल में शामिल करने से पहले पंजाब में उसे ट्रेनिंग दी गयी थी. शक्तिमान साल 2006 से उत्तराखंड पुलिस के साथ ड्यूटी कर रहा था. अर्धकुंभ के अलावा 2010 के कुंभ मेले में भी शक्तिमान पुलिस के साथ ड्यूटी कर चुका है. शक्तिमान का इस्तेमाल पुलिस मुख्य रूप से कानून व्यवस्था की ड्यूटी के दौरान करती है. इसके अलावा शक्तिमान पुलिस और सरकार के समारोहों में हिस्सा लेता रहा है. उसके घायल होने के बाद पुलिस विभाग ने बयान दिया कि हम शक्तिमान को इस घटना के बाद भी पूरा ध्यान रखेंगे. जैसे एक पुलिस कर्मी का घायल होने के बाद रखा जाता है.

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