पर्यटकों की वजह से है गोवा के बारे में ”गलत धारणा” : पारसेकर

पणजी : मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा है कि राज्य के बारे में ‘गलत धारणा’ के लिए गोवा के लोगों पर दोष नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने साथ ही पुरजोर शब्दों में कहा कि तटों पर बिकनी पहने घूमने वाली महिलाएं या ‘अजीबोगरीब’ कपड़े पहनकर टहलने वाले लोग पर्यटक होते हैं, न कि स्थानीय निवासी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 9, 2016 1:39 PM

पणजी : मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा है कि राज्य के बारे में ‘गलत धारणा’ के लिए गोवा के लोगों पर दोष नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने साथ ही पुरजोर शब्दों में कहा कि तटों पर बिकनी पहने घूमने वाली महिलाएं या ‘अजीबोगरीब’ कपड़े पहनकर टहलने वाले लोग पर्यटक होते हैं, न कि स्थानीय निवासी. पारसेकर ने कहा, ‘जो पर्यटक यहां आते हैं वे साथी पर्यटकों को देखते हैं और गलत धारणा लेकर लौटते हैं. आप गोवा के लोगों को सडकों पर नशे की हालत में या किसी स्थानीय लडकी को बिकनी पहने हुए नहीं पाएंगे.’ मुख्यमंत्री ने यहां चली रही फेडरेशन आफ पीटीआई एम्प्लाइज यूनियन की वार्षिक आम सभा की बैठक में कल कहा, ‘आप छोटे परिधानों में लोगों को देख सकते हैं, ये विदेशी हैं. जो बिकनी या अजीबोगरीब परिधान पहने दिखते हैं वे गोवा के लोग नहीं हैं. वे पर्यटक हैं.’

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा हाल ही में दिये गये बयान, कि मादक पदार्थ हासिल करने के लिए गोवा सबसे आसान जगह है, पर प्रतिक्रिया देते हुए पारसेकर ने कहा कि राज्य के तटों पर मादक पदार्थ भी सरकार की चिंता हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन समस्या यह है कि गोवा की तस्वीर लोगों द्वारा अलग-अलग कोण से पेश की जाती है. इस देश में ऐसे लोग भी हैं जो यह समझते हैं कि गोवा वासी सुबह होते ही शराब पीना शुरू करते हैं और रात को सोने तक शराब पीते रहते हैं.’ पारसेकर ने कहा, ‘एक और गलत धारणा यह है कि राज्य में महिलाएं सबसे कम कपडे पहनती हैं और ये भी कि तटों पर वे निर्वस्त्र रहती हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि यही मामला बादल के साथ है जो महसूस करते हैं कि गोवा के तटों पर मादक पदार्थ आसानी से उपलब्ध हैं. पारसेकर ने कहा, ‘मैं गोवा में उनकी (बादल) मेजबानी करने के लिए तैयार हूं. उनसे कहिए कि वह समय निकाल कर आसपास घूमें और राज्य की असली तस्वीर देखें. गोवा की तस्वीर उससे अलग है जो बादल सोचते हैं.’ उन्होंने कहा कि गोवा सर्वाधिक सुसंस्कृत राज्य है जहां लोग धार्मिक समरसता के साथ रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘गोवा सबसे सुरक्षित जगह है. इसलिए आपको रात के 11 बजे भी एक अकेली लडकी राज्य की किसी भी सुनसान गली में स्कूटर चलाती मिल जाएगी.’

राज्य के तटों पर कुछ सीमा तक कूडा कचरा होने की बात स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने इन दावों को खारिज किया कि राज्य का पानी प्रदूषित है. उन्होंने कहा, ‘आप किसी भी बीच पर चले जाएं. जल प्रदूषण नहीं है लेकिन पर्यटकों की बडी संख्या के कारण कचरे की समस्या देखी जा सकती है.’ उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य के एकमात्र हवाई अड्डे डेबोलिम पर हर रोज 50 हजार लोग आते हैं. नारियल को वृक्ष की बजाय पाम की श्रेणी में लाए जाने को लेकर पैदा विवाद पर उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने मामले को उठाया है जो राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चक्कर में मुद्दे खोज रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘पिछले चार वर्षों से विपक्ष मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सका. अब यह चुनावी साल है इसलिए वे विवादों को तलाश रहे हैं.’ पारसेकर ने कहा कि किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए गोवा, दमन दीव वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया गया है जो मौजूदा अव्यावहारिक नारियल पेडों के स्थान पर नयी पौध लगाना चाहते हैं.

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