भारत-जापान के बीच हुई कई डील, बुलेट ट्रेन का सपना होगा साकार

नयी दिल्ली : उत्तरोत्तर आगे बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाते हुए भारत और जापान ने रक्षा और परमाणु ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों तथा 98,000 करोड़ रुपये की लागत से मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहला बुलेट ट्रेन नेटवर्क निर्माण सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. रणनीतिक समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2015 10:18 AM

नयी दिल्ली : उत्तरोत्तर आगे बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाते हुए भारत और जापान ने रक्षा और परमाणु ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों तथा 98,000 करोड़ रुपये की लागत से मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहला बुलेट ट्रेन नेटवर्क निर्माण सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. रणनीतिक समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिन्जो आबे के बीच शिखर वार्ता के बाद हुए. इस शिखर वार्ता में दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार सहित परस्पर रूप से महत्वपूर्ण कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.

आबे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा ‘‘भारत के आर्थिक सपनों को सच करने में जापान से ज्यादा कोई मित्र मायने नहीं रखेगा.’ उन्होंने आबे को ‘‘एक निजी मित्र और भारत जापान भागीदारी का बड़ा समर्थक बताया.’ हस्ताक्षरित समझौतों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा ‘‘गति, विश्वसनीयता और सुरक्षा के लिए जानी जाने वाली शिनकानसेन के माध्यम से मुंबई- अहमदाबाद सेक्टर में हाई स्पीड रेल चलाने का फैसला ऐतिहासिक से कम नहीं है.’ उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए करीब 12 अरब डालर का महत्वपूर्ण पैकेज और बहुत आसान शर्तों पर तकनीकी सहायता सराहनीय है.

मोदी ने कहा ‘‘हमने असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग पर हस्ताक्षर किये जो वाणिज्य एवं स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक समझौते से कहीं ज्यादा है. यह एक शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित दुनिया के लक्ष्य में रणनीतिक भागीदारी और परस्पर विश्वास के नये स्तर का एक शानदार प्रतीक है.’

बुलेट ट्रेन नेटवर्क भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई को मोदी के गृह राज्य गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से जोड़ेगा. मुंबई से अहमदाबाद के 505 किमी लंबे मार्ग की यात्रा में आठ घंटे का समय लगता है लेकिन बुलेट ट्रेन से यह समय घट कर करीब तीन घंटे का हो जायेगा. परियोजना पर करीब 98,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.

दोनों पक्षों ने रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण तथा गोपनीय सैन्य सूचनाओं की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले सुरक्षा कदमों से संबंधित समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये.

रक्षा समझौतों को ‘‘हमारे सुरक्षा सहयोग में निर्णायक कदम’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि इनसे रक्षा संबंध और अधिक गहरे होंगे तथा भारत में रक्षा निर्माण को बढावा मिलेगा.

उन्होंने कहा ‘‘यह सैन्य बलों की तीनों शाखाओं तक वार्ता के विस्तार तथा जापान को मालाबार नौसेना अभ्यास में भागीदार बनाने के हमारे निर्णय पर आधारित है.’ दोनों नेताओं ने ‘‘इंडिया एंड जापान विजन 2015 ( स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप वर्किंग टुगेदर फॉर पीस एंड प्रॉस्पेरिटी ऑफ द इंडो-पैसिफिक रीजन एंड द वर्ल्ड’ पर एक संयुक्त बयान भी जारी किया.

बयान में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्री परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोगों में सहयोग के लिए दोनों सरकारों के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं और पुष्टि करते हैं कि इस समझौते पर आवश्यक अंदरुनी प्रक्रियाओं से संबंधित पक्षों सहित तकनीकी ब्यौरों को अंतिम रुप दिए जाने के बाद हस्ताक्षर किए जाएंगे.

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