दलितों के मसीहा थे डॉ. बी. आर. अंबेडकर : मोहन भागवत

पणजी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि दलितों के मसीहा बी. आर. अंबेडकर की भांति आरएसएस के संस्थापक के. बी. हेडगेवार ने भी देश के कल्याण के लिए निस्वार्थ भावना से काम किया. उन्होंने पणजी के समीप बाम्बोलिम में हेडगवार के नाम पर खुले एक स्कूल परिसर के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 6, 2015 9:34 PM

पणजी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि दलितों के मसीहा बी. आर. अंबेडकर की भांति आरएसएस के संस्थापक के. बी. हेडगेवार ने भी देश के कल्याण के लिए निस्वार्थ भावना से काम किया. उन्होंने पणजी के समीप बाम्बोलिम में हेडगवार के नाम पर खुले एक स्कूल परिसर के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘डॉ. अंबेडकर ने हमारे संविधान को बनाने में बड़ी भूमिका निभायी.

संघ प्रमुख ने कहा कि वह महान बुद्धिजीवी थे जिन्होंने हजारों लोगों को दासता से मुक्ति दिलायी. डॉ. अंबेडकर की तरह ही हेडगवार ने भी देश के कल्याण के लिए निस्वार्थ भावना से काम किया. ‘ अंबेडकर को उनकी 60 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए भागवत ने कहा, ‘‘संविधान के जनक ने बडी कठिनाइयों में पढ़ाई की और अपने ज्ञान का उपयोग अपने लिए नहीं बल्कि देश के हित के लिए किया. भागवत ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति के नाम पर इस स्कूल का नाम रखा गया है, वह भी हमेशा पढ़ाई में अव्वल रहे. विद्यार्थी के रुप में उन्होंने नागपुर में ‘वंदे मातरम’ आंदोलन में हिस्सा लिया जिसके बाद ब्रिटिश ने वहां सभी विद्यालय बंद कर दिए.

‘ उन्होंने कहा कि हेडगवार को विद्यालय से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने आंदोलन में भाग लेने को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया था.केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक, राज्य के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर और उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.

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