चेतन भगत ने कहा, हजारे की पाठशाला के सारे विद्यार्थियों को मिल गया काम

जयपुर: सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले और समय-समय पर राजनीतिक विश्लेषण करने वाले लेखक चेतन भगत ने आज कहा कि अन्ना हजारे की पाठशाला के विद्यार्थियों को अब पूरी तरह काम मिल गया है.... भगत ने कहा, ‘‘अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए. यह किसी का अपना फैसला होता है कि अगर आप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2015 4:27 PM

जयपुर: सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले और समय-समय पर राजनीतिक विश्लेषण करने वाले लेखक चेतन भगत ने आज कहा कि अन्ना हजारे की पाठशाला के विद्यार्थियों को अब पूरी तरह काम मिल गया है.

भगत ने कहा, ‘‘अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए. यह किसी का अपना फैसला होता है कि अगर आप सोचते हैं कि आप प्रभाव डाल सकते हैं तो राजनीति में आ सकते हैं. मैं हर दिन किसी न किसी को किसी न किसी पार्टी में शामिल होते हुए देखता हूं. अन्ना हजारे की पाठशाला के भी सभी विद्यार्थियों को अब आधिकारिक तौर पर राजनीति में जगह मिल गयी है.’’ वह जयपुर साहित्य महोत्व के अंतिम दिन संबोधित कर रहे थे.
पहले राजनीति में आने के संकेत दे चुके भगत ने इस तरह की संभावना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसा सोचा था लेकिन फिर ऐसा नहीं करने का फैसला किया. राजनीति एक अलग तरह का खेल है जिसमें मैं किसी एक पार्टी की लाइन पर चलकर अपनी पहचान नहीं खो सकता. मैं भारत में राजनीतिक घटनाक्रम पर अपने विचार रखता रहूंगा लेकिन इस खेल में शामिल नहीं होउंगा. इसलिए, राजनीति पर आप मेरी सक्रियता देखेंगे लेकिन किसी राजनीतिक दल में नहीं.’’
अपने उपन्यासों से पाठकों में और खासतौर पर युवाओं में अच्छी खासी लोकप्रियता पाने वाले भगत ने कहा कि वह लैंगिक मुद्दों पर बहुत सोचते हैं और उनकी अगली किताब की मुख्य पात्र एक महिला होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सफलता में महिलाओं की बहुत उर्जा है. मैंने अपनी किताबों में महिलाओं को मजबूत दर्शाने का प्रयास किया है लेकिन कहानियों में नायिका की तरह नहीं दर्शाई गयीं. मेरी अगली किताब में ऐसा होगा.
’’ पूछे जाने पर लेखक ने इस बात को स्वीकार किया कि उनकी पुस्तकों में कुछ पात्र वास्तविक जीवन की महिलाओं पर आधारित थे. उन्होंने कहा, ‘‘हां, ऐसे दो किरदार रहे. मैंने ‘टू स्टेट्स’ की तमिल ब्राह्मण नायिका से शादी की थी और ‘फाइव प्वाइंट सम वन’ वाली लडकी भी आज कहीं खुशहाल जिंदगी जी रही है.’’भगत के उपन्यासों पर ‘थ्री इडियट्स’, ‘काई पो चे’ जैसी फिल्में बनी हैं जिनकी कहानियां उन्होंने ही लिखी हैं लेकिन लेखक कहते हैं, ‘‘मैं हिंदी फिल्मों का आदमी नहीं हूं. मेरी प्राथमिकताएं किताबे हैं और बॉलीवुड मेरी आधी प्रेमिका है.’’