काला धन जांच: अपने हितों की रक्षा के उपाय ढूंढने में लगे हैं स्विस बैंक

नयी दिल्ली: विदेशों में कथित रूप से कालाधन जमा करे वालों के खिलाफ भारत की जांच के जोर पकडने के साथ स्विटजरलैंड के बैंकों ने अपने हितों की रक्षा के उपाय ढूंढने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं. इस सिलसिले में कुछ बैंकों ने तो संभावित दंडात्मक कार्रवाई तथा कानूनी लागत खर्च की आशंकाओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 2, 2014 5:31 PM

नयी दिल्ली: विदेशों में कथित रूप से कालाधन जमा करे वालों के खिलाफ भारत की जांच के जोर पकडने के साथ स्विटजरलैंड के बैंकों ने अपने हितों की रक्षा के उपाय ढूंढने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं. इस सिलसिले में कुछ बैंकों ने तो संभावित दंडात्मक कार्रवाई तथा कानूनी लागत खर्च की आशंकाओं के मद्देनजर अपने खातों में वित्तीय प्रावधान करने का विचावर भी शुरु कर दिया है.

ये बैंक स्विटजरलैंड की सरकार के साथ लाबिंग कर रहे हैं कि वह भारत के साथ सूचनाओं के आदान प्रदान व प्रशासनिक मदद की व्यवस्था करते हुए ऐसे जरुरी उपाय भी करे जिससे काले धन के मामलों मुकदमे आदि की प्रक्रिया में बैंकिंग संस्थानों के हितों की रक्षा हो सके.
सूत्रों ने हालांकि यह भी कहा कि संदिग्ध काला धन धारकों के साथ मिलकर काम करने तथा उनके धन के लिए ‘सुरक्षित स्थान देने’ के वादे करने के लिए कुछ बैंकों और बैंक अधिकारियों की भूमिका पहले ही जांच के दायरे में आ चुकी है.
कथित रुप से भारतीय कंपनियों के काले धन को विदेशी निवेश के रुप में उनकी सूचीबद्ध कंपनियों में ही वापस लगवाने के लिए यूरोप के कम से कम तीन प्रमुख बैंकों की जांच की जा रही है. इनमें से दो बैंक स्विटजरलैंड के हैं जबकि एक की वहां अच्छी खासी उपस्थिति है.
कम से कम तीन बडे वैश्विक बैंकों तथा अनेक भारतीय कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कई स्तरों पर लेन देन के जरिए भारत के ही धन को घुमा फिरा कर भारत में पहुंचे में लिप्त थे। पूंजी बाजार नियामक सेबी इसकी जांच कर रहा है. इस जांच में अन्य नियामकीय व प्रवर्तन एजेंसियों के शामिल होने से फंदा कडा होने लगा है.

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