अरुणाचल में बाढ और भूस्खलन, सामान्य जनजीवन प्रभावित

इटानगर : पिछले कई दिनों से अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश होने से राज्य के कई जिलों में बाढ आई है और भूस्खलन हुए हैं. इसके चलते सडक यातायात बाधित हुआ है और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है. लोक निर्माण विभाग (राजमार्ग) के प्रमुख अभियंता एच. अप्पा ने आज कहा कि भारी बारिश के कारण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2014 3:49 PM

इटानगर : पिछले कई दिनों से अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश होने से राज्य के कई जिलों में बाढ आई है और भूस्खलन हुए हैं. इसके चलते सडक यातायात बाधित हुआ है और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है.

लोक निर्माण विभाग (राजमार्ग) के प्रमुख अभियंता एच. अप्पा ने आज कहा कि भारी बारिश के कारण 15 अगस्त को हुए भूस्खलन से इटानगर और नाहरलगुन के बीच सतही संपर्क बाधित हुआ और कारसिंग्सा के निकट सडक और पुल बह गए.

उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि कारसिंग्सा के रास्ते बांदेरदेवा और इटानगर के बीच का सडक संपर्क तीसरे दिन भी बाधित रहा. फिलहाल यह सडक सभी वाहनों के लिए बंद है.

जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे असम में राष्ट्रीय राजमार्ग-52 तक पहुंचने के लिए निरजुली-दोइमुख-हारमुती मार्ग और इटानगर-होलोंगी मार्ग का इस्तेमाल करें क्योंकि नाहरलगुन और बंदेरदेवा के बीच चल रहा सडक मरम्मत का काम पूरा होने में दो दिन का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि किमिन-जीरो मार्ग भी भारी भूस्खलनों के कारण गुरुवार से बंद है. इनमें से कुछ की सफाई की जा चुकी है.

भूस्खलन की घटनाएं चंद्रनगर, नीतिविहार और केपिटल कॉम्प्लेक्स के कई सेक्टरों में भी हुई हैं. 15 अगस्त की आधी रात को भूस्खलन के दौरान सी सेक्टर इलाके में बीएसएनएल की दीवार (रीटेंशन वॉल) गिरने से एक परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई और एक अन्य लडका घायल हो गया.

अप्पा ने कहा कि निरजुली समेत इटानगर और नाहरलगुन में पानी की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त होने से पेयजल की आपूर्ति बाधित हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि डोन्यी पोलो स्कूल की जल आपूर्ति वाली मुख्य पाइपलाइन कल रात क्षतिग्रस्त हो गई.

विभागीय सूत्रों ने कहा है कि पीएचईडी (जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों की मरम्मत के लिए दिन-रात काम कर रहा है. इसमें 3-4 दिन का समय लग सकता है.

बाढ की स्थिति का सबसे बुरा प्रभाव लोहित जिले पर पडा है. यहां बाढ के कारण कृषि भूमि और मानव आवास डूब गए हैं. जिले से आई एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया कि लोहित और डिगारु नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से उपर है और अलुबारी में नौका सेवा निलंबित कर दी गई है.

तेजू-परशुरामकुंड मार्ग पिछले कई दिनों से भूमि स्खलन एवं बाढ के कारण बंद रहा लेकिन उसे कल हल्के वाहनों के लिए दोबारा खोल दिया गया.

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