पी-75 आई परियोजना के लिए कंपनियों का चयन, 5100 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मंजूरी

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए भारत में छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण से जुड़ी 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजना के वास्ते एक महत्वपूर्ण कदम के तहत मंगलवार को दो भारतीय और पांच बड़ी विदेशी कंपनियों का चयन किया तथा साथ ही 5,100 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 10:29 PM

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए भारत में छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण से जुड़ी 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजना के वास्ते एक महत्वपूर्ण कदम के तहत मंगलवार को दो भारतीय और पांच बड़ी विदेशी कंपनियों का चयन किया तथा साथ ही 5,100 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को भी मंजूरी प्रदान कर दी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पनडुब्बी निर्माण के लिए चुनी गयीं दो भारतीय कंपनियों में एल एंड टी समूह और सरकारी मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) शामिल हैं. पनडुब्बी निर्माण की परियोजना को ‘मेक इंन इंडिया’ पहल के तहत सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है. उन्होंने बताया कि पी-75 आई नामक इस परियोजना के लिए मजबूत दावेदार मानी जा रही अडानी डिफेंस योग्यता मानदंडों के मूल्यांकन के बाद उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा उपयुक्त नहीं मानी गयी. इस बड़ी परियोजना को महत्वाकांक्षी रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है जिसमें चयनित निजी कंपनियों को मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के साथ भागीदारी में भारत में पनडुब्बी और लड़ाकू विमानों जैसे सैन्य साजो-सामान के निर्माण में उतारा जा रहा है.

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा खरीद परिषद (डीएएसी) ने स्वदेशी स्रोतों से 5,100 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को भी स्वीकृति प्रदान कर दी. इनमें सेना के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और भारतीय उद्योग द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्मित की गयीं अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रणालियां रेगिस्तान और मैदानी इलाकों में इस्तेमाल की जायेंगी और ये जमीनी टुकड़ियों को समग्र इलेक्ट्रॉनिक मदद तथा जवाबी कदम क्षमताएं उपलब्ध करायेंगी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डीएसी ने भारतीय रणनीतिक भागीदारों और संभावित मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के चयन को भी मंजूरी दी जो रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारत में छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण का कार्य करेंगे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में ये निर्णय किये गये जिनमें प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और अन्य शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे. पी-75 आई परियोजना के लिए चुनी गयीं पांच विदेशी कंपनियों में थाइसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (जर्मनी), नवंतिया (स्पेन) और नेवल ग्रुप (फ्रांस) भी शामिल हैं. भारतीय नौसेना पानी के भीतर अपनी मारक क्षमता को मजबूत करने के लिए छह परमाणु पनडुब्बियों सहित 24 नयी पनडुब्बियां खरीदना चाहती है. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद डीएसी की यह पहली बैठक थी.

Next Article

Exit mobile version