वित्त राज्य मंत्री बोले- दुनियाभर में मंदी के बावजूद भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

नयी दिल्लीः केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि दुनियाभर में मंदी के बावजूद इस समय भी देश की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है. कहा कि सरकार ने इसे मजबूती प्रदान करने के लिए बैंकों का विलय और उद्योगों को कर में छूट सहित कई कदम उठाये हैं. वित्त राज्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2019 3:11 PM

नयी दिल्लीः केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि दुनियाभर में मंदी के बावजूद इस समय भी देश की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है. कहा कि सरकार ने इसे मजबूती प्रदान करने के लिए बैंकों का विलय और उद्योगों को कर में छूट सहित कई कदम उठाये हैं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि 2025 तक भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल के पूरक प्रश्न के उत्तर में ठाकुर ने कहा कि पिछले चार महीने और इससे पहले के पांच साल में देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना है.

उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 तक औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत रही जो जी-20 देशों में सर्वाधिक है. ठाकुर ने कहा कि जब दुनिया की जीडीपी दर 3.8 प्रतिशत से कम होकर पिछले वर्ष 3.6 प्रतिशत रह गयी और इस वर्ष इसके 3 प्रतिशत रहने का अनुमान है तब भी विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) ने 2019-20 में जी-20 समूह के देशों में भारत की विकास दर के, सबसे तेजी से बढ़ने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.
आम आदमी पार्टी के सदस्य भगवंत मान ने पूछा कि देश की अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है. जमीन पर स्थिति कुछ और है तथा क्या सरकार मानने को तैयार है कि देश में आर्थिक मंदी है? उनके पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने कहा, पांच प्रतिशत गिरावट नहीं है जैसा कि सदस्य कह रहे हैं. वित्त राज्य मंत्री ने अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे कुछ कदम गिनाते हुए कहा कि बैंकों का विलय किया गया है, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) लाने के लिए प्रावधान किये गये और एफडीआई आया भी है.
ठाकुर ने कहा कि आज भी राजकोषीय घाटा, मुद्रास्फीति आदि के आंकड़ों को देखें तो सरकार के कदम साफ दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि 2016 में सरकार दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) लाई. भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधेयक लाया गया. ठाकुर ने कहा कि हाल ही में सरकार ने नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से कम करके 15 प्रतिशत कर दिया है जो दुनिया में सबसे कम है.
उन्होंने इस कदम को 1991 के आर्थिक सुधार के बाद इस दिशा में सबसे बड़ा कदम करार दिया. उन्होंने राजग सरकार के पहले कार्यकाल में हुए नोटबंदी के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि कालाधन पर लगाम लगाने का साहस केवल इस सरकार में था और इस कदम के बाद कर संग्रहण दोगुना हो गया तथा करदाताओं की संख्या भी बढ़ गयी.

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