Maharashtra CM की कुर्सी के बाद BJP-Shiv Sena में अब यहां फंसा है पेंच
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर लेने के एक हफ्ते बीत जाने के बावजूद अब तक भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है.... चुनाव नतीजों के बाद से हर दिन भाजपा और शिवसेना के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है और सरकार बनने की प्रक्रिया अधर में लटकी है. इस […]
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर लेने के एक हफ्ते बीत जाने के बावजूद अब तक भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है.
चुनाव नतीजों के बाद से हर दिन भाजपा और शिवसेना के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है और सरकार बनने की प्रक्रिया अधर में लटकी है. इस बीच खबर है कि दोनों परंपरागत सहयोगी दलों के बीच अंदरखाने सरकार बनाने की कवायद चल रही है और कई समझौतेके कई मसौदेबनाये जा रहे हैं.
गौरतलब है कि चुनाव नतीजों के बाद से शिवसेना सरकार में हर स्तर पर 50-50 फाॅर्मूले पर अड़ी है, जिसमें ढाई-ढाई साल तक सीएम पद दोनों दलों को देने की मांग की जा रही है, जिससे भाजपा को सख्त ऐतराज है. लेकिन अब ऐसी खबरेंआ रही हैं कि दोनों दलों के बीच सीएम या डिप्टी सीएम पद की वजह से नहीं, बल्कि अब मंत्रालयों के बंटवारे काेलेकर खींचतान चल रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शिवसेना 18 मंत्रालयों की मांग कर रही है, जबकि भाजपा उसे 14 सीटें देने को तैयार है. यही नहीं, संख्या के अलावा शिवसेना कई महत्वपूर्ण मंत्रालय भी मांग रही है, जिसमें गृह मंत्रालय भी शामिल है.
जबकि कहा जा रहा है कि फडणवीस इस बात पर अडिग हैं कि गृह और शहरी विकास मंत्रालय वह सहयोगी दल को नहीं देंगे. खबर है कि बीजेपी शिवसेना को वित्त और पीडब्ल्यूडी जैसे दमदार मंत्रालय देने को तैयार है, लेकिन शिवसेना अपनी मांग पर अड़ी है.
इसके अलावा, भाजपा ने शिवसेना को डिप्टी सीएम पद का भी ऑफर दिया है, लेकिन शिवसेना ने अहम मंत्रालयों के साथ कैबिनेट बंटवारे में 21:18:4 का फार्मूला दिया है. 288 सीटों वाली विधानसभा में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. गौरतलब है कि पिछली सरकार में भाजपा को 26, शिवसेना को 13 और अन्य दलों को 4 मंत्रालय दिये गए थे.
बहरहाल, दोनों दलों के बीच एक ऐसे फाॅर्मूले की तलाश जारी हैजिस परएकराय बने और उम्मीद है कि जल्द ही भाजपा और शिवसेना के बीच सहमति बन जाएगी.
