कांग्रेसी नहीं जानते किस बात का विरोध करना है, राफेल की पूजा इसलिए पसंद नहीं आयी : अमित शाह

कैथल (हरियाणा) : गृहमंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के कैथल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं देश के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को बधाई देता हूं कि उन्होंने दशहरा के दिन राफेल को हमारी वायुसेना में शामिल किया और देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने का काम किया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 9, 2019 3:20 PM

कैथल (हरियाणा) : गृहमंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के कैथल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं देश के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को बधाई देता हूं कि उन्होंने दशहरा के दिन राफेल को हमारी वायुसेना में शामिल किया और देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने का काम किया है. कल विजयादशमी थी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और यह शस्त्र पूजन करके मनायी जाती है. लेकिन कांग्रेस वाले इसका भी विरोध कर रह हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि तनिक रात को सोचा करो, किस बात का विरोध करना है, किसका नहीं.

शाह ने कहा कि मोदी जी ने सेना में राफेल को शामिल किया और राजनाथ जी ने फ़्रांस की भूमि पर विजयादशमी के दिन उसका शस्त्र पूजन किया, लेकिन कांग्रेस वाले उसका भी विरोध कर रहे हैं. दरअसल उन्हें पता ही नहीं है कि किस बात का विरोध करना है और किस बात का नहीं.

मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके पूरी दुनिया को बताया है कि भारत की सीमाओं के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता और भारत के सैनिकों की जान की कीमत हम जानते हैं. पीएम मोदी को दुनिया भर में जो सम्मान प्राप्त होता है, वो सम्मान भारत के सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है.

हरियाणा राज्य देश भर में बदनाम था कि यहां बेटियां कम जन्म लेती हैं. पीएम मोदी जी यहां आये और उन्होंने अपील की ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ हरियाणा का नारा बनना चाहिए. आज हरियाणा ने ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ अभियान को सार्थक कर दिया है. जब भी हरियाणा में सरकार बनती थी वो विशेष जातियों के लिए बनती थी. एक सरकार आती थी तो वो एक जाति का काम करती थी, दूसरी आती थी दूसरी जाति का काम करती थी. मनोहर लाल खट्टर सरकार ऐसी बनी जिसकी कोई जाति नहीं है, ये सरकार हर हरियाणा वासियों की सरकार है.

पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया. 70 साल से देश के हर नागरिक के मन में एक कसक थी कि जम्मू-कश्मीर देश के साथ पूरा जुड़ा हुआ नहीं था. तीन-तीन पीढ़ियों तक शासन करने वालों में भी 370 हटाने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन हमारी सरकार ने यह कर दिखाया.

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