अयोध्या विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की डेडलाइन एक दिन घटायी, नवंबर में आ सकता है फैसला

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की जमीन के स्वामित्व विवाद मामले की सुनवाई 17 अक्तूबर तक पूरी कर लेगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्याक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 37वें दिन की बहस समाप्त पर इस विवाद में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 4, 2019 6:43 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की जमीन के स्वामित्व विवाद मामले की सुनवाई 17 अक्तूबर तक पूरी कर लेगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्याक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 37वें दिन की बहस समाप्त पर इस विवाद में चल रही सुनवाई पूरी करने की नयी तारीख 17 अक्तूबर निर्धारित की.

पहले इस मामले की सुनवाई 18 अक्तूबर तक पूरी करने के लिए कहा गया था. पीठ ने कहा कि इस विवाद में मुस्लिम पक्षकार अपनी बहस 14 अक्तूबर तक पूरी करेंगे और इसके बाद दो दिन का समय अर्थात 16 अक्तूबर तक हिंदू पक्षकारों को इन दलीलों का जवाब देने के लिए उपलब्ध होगा. अंतिम दिन 17 अक्तूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली जायेगी.

इस मामले में शीर्ष अदालत का फैसला 17 नवंबर से पहले ही आने की उम्मीद है, क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई उस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं. अयोध्या विवाद की सुनवाई करने वाली संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

इस विवाद का मध्यस्थता के माध्यम से सर्वमान्य समाधान खोजने का प्रयास विफल हो जाने के बाद संविधान पीठ से छह अगस्त से इन अपीलों पर रोजना सुनवाई कर रही है. यह पीठ अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील विचाराधीन हैं.

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