कर्नाटक : फ्लोर टेस्ट से पहले कुमारास्वामी को सुप्रीम काेर्ट से झटका, सुनवाई टाली

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के कथन का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वमाी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान के लिए दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर दी. अध्यक्ष की ओर से न्यायालय को सूचित किया गया कि सदन में आज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 23, 2019 4:49 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के कथन का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वमाी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान के लिए दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर दी.

अध्यक्ष की ओर से न्यायालय को सूचित किया गया कि सदन में आज शाम तक मतदान होने की उम्मीद है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के इस कथन का संज्ञान लिया कि आज शाम तक मतदान होने की संभावना है. पीठ ने निर्दलीय विधायकों की याचिका पर सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी. ये विधायक चाहते हैं कि अध्यक्ष को सदन में तत्काल विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान कराने का निर्देश दिया जाये. दो निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश ने कांग्रेस-जदएस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.

इन दोनों विधायकों ने शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा था कि 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक में कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के अल्पमत में आने से राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है. इन विधायकों का कहना है, सरकार के अल्पमत में होने के बावजूद विश्वास मत हासिल करने में विलंब किया जा रहा है. हम कहना चाहते हैं कि एक अल्पमत सरकार, जिसके पास बहुमत का समर्थन नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है. इन विधायकों ने कहा है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने संविधान के अनुच्छेद 175 (2) के अंतर्गत सदन को संदेश भेजकर विश्वास मत की कार्यवाही पूरा करने के लिए कहा, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया और विश्वास प्रस्ताव पर अंतहीन बहस जारी है.

विधायकों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक गतिरोध का लाभ उठा रही है और पुलिस अधिकारियों, आईएएस अधिकारियों तथा अन्य अधिकारियों का तबादला करने जैसे अनेक अहम निर्णय ले रही है. राज्यपाल पर विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारास्वामी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव द्वारा शीर्ष अदालत में आवेदन दायर करने के दो दिन बाद निर्दलीय विधायकों ने भी शीर्ष अदालत की शरण ली थी. कुमारास्वामी और गुंडू राव ने शुक्रवार को अलग-अलग आवेदन दायर करके शीर्ष अदालत के 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा है. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इन 15 बागी विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

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